TIO NEW DELHI
इस बजट में सैलरीड क्लास को कुछ खास नहीं मिला। ऊपर से ज्यादा इनकम वाले लोगों के पीएफ में भी ‘सेंध’ लगती नज़र आई। एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख से ज्यादा पीएफ कन्ट्रीब्यूट करने वाले लोग अब टैक्स में छूट नहीं ले पाएंगे। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा, ‘बड़ी कंपनियों में मोटी सैलरी पाने वाले लोगों के पीएफ पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स में छूट नहीं दी जाएगी। यह अलग-अलग तरह के प्रोविडेंट फंड में 2.5 लाख से ज्यादा निवेश करने वालों पर लागू होगा।’
अभी तक पीएफ पर लगने वाले ब्याज पर इनकम टैक्स नहीं देना होता था। बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रें को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘ईपीएफओ कर्मचारियों के हित के लिए होता है और इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यह कदम केवल ज्यादा कमाने वालों के लिए ही उठाया जा रहा है।’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘मान लीजिए कोई हर महीने एक करोड़ रुपये पीएफ में डाल देता है। अब यहां उसको कोई टैक्स भी नहीं देना पड़ रहा और 8 प्रतिशत का ब्याज भी मिल रहा है। यह तो ठीक नहीं है। इसलिए ब्याज पर टैक्स लगाया जा रहा है।’
बजट में टैक्स स्लैब को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई। हालांकि 75 साल और इससे ऊपर के बुजुर्गों को पेंशन की कमाई पर आईटीआर भरने में छूट दे दी गई है। इसके अलावा बजट पेश होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इसे गांवों और किसान का बजट बताया है। हालांकि पिछले साल के मुकाबले किसान सम्मान निधि के लिए बजट आवंटन में इस बार कटौती की गई है।
सरकार ने 2020-21 के लिए खेती लोन को 15 लाख करोड़ से बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ कर दिया है। इसके अलावा कृषि उत्पादों को निर्यात करने के लिए ऑपरेशन ग्रीन स्कीम का दायरा भी बढ़ाया है। सरकार ने कृषि उत्पादों के आयात पर टैक्स बढ़ा दिया है जिससे कि देश के किसानों को ज्यादा लाभ मिल सके। 1000 मंडियों को डिजिटल व्यापार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।