मथुरा
देशभर में रंगों के त्योहार होली की धूम मची हुई है। मथुरा और वृंदावन की होली तो देश और दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां होली उत्सव की शुरुआत बसंत पंचमी से ही हो जाती है जो होली तक लगातार 8 दिनों तक जारी रहती है। लट्ठमार होली हो या फिर फूलों की होली, इसमें शामिल होने के लिए हजारों लोग हर साल पहुंचते हैं। इस बार भी बड़ी संख्या में भक्त बांके बिहारी के साथ होली खेलने के लिए मथुरा वृंदावन पहुंचे हैं। वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में तो भक्तों पर होली का ऐसा रंग चढ़ा कि सबकुछ रंगों से सराबोर हो गया।
लट्ठमार, लड्डूमार होली प्रसिद्ध
होली के इस उत्सव के दौरान मथुरा, वृंदावन में बरसाने की लट्ठमार होली के साथ ही लड्डू मार होली की परंपरा भी काफी प्रसिद्ध है। ब्रज में वसंत पंचमी पर होली का डंडा गाड़े जाने के साथ ही सभी मंदिरों और गांव में होली महोत्सव शुरू हो जाता है जो 40 दिनों तक चलता है। खास तौर पर यह लड्डू फेक होली से शुरू होता है। यह त्योहार गोकुल, मथुरा और वृंदावन में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
यहां पर रंगों से होली खेलने से पहले लड्डू, फूल, लट्ठ वाली होली मनाई जाती है। मान्यता है कि लड्डू होली की शुरुआत द्वापर युग से हुई। इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है।