इंदौर। सुप्रीम कोर्ट ने सर्कस में जंगली जानवरों के प्रयोग पर 1990 में रोक लगा दी थी, लेकिन आज भी इन जानवरों का सर्कस और जादू के शो में उपयोग किया जाता है। ऐसे में एक हाथी विश्व प्रसिद्ध जादूगर आनंद के लिए मुसीबत बनने वाली है। क्योंकि हाथी को जादू के शो में इस्तेमाल करने के मामले में हाइकोर्ट की इन्दौर खंडपीठ में एक याचिका लगाई गई है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई होनी है।
‘Hathi’ will have trouble for the magician Anand;
दरअसल, इंदौर में विश्वप्रसिद्ध जादूगर आनंद 4 मई से शहर के रविंद्र नाट्य गृह में जादू के करतब दिखा रहे हैं। एक दिन में दो से तीन शो करने वाले जादूगर आनंद ने इंदौर में कभी ट्रक खींचकर तो कभी आंखों पर पट्टी बांधकर जादू के करतब दिखाकर लोगों को प्रभावित किया है। वहीं जादूगर के शो में हाथी का भी उपयोग किया जा रहा है, जिसकी खबर इंदौर के प्यूपिल फॉर एनिमल्स के सदस्यों को लगी। इसके बाद सदस्यों ने शो में जाकर हाथी को गायब करने वाला करतब भी देखा, लेकिन वहां उन्होंने पाया कि हाथी को जगह-जगह चोट लगी है।
जिसके बाद सदस्यों द्वारा वन विभाग के अफसरों को शो में ले जाया गया, लेकिन जादूगर आनंद ने हाथी के शो के लिए कलेक्टर निशांत बरवड़े की अनुमति का हवाला दिया। जिसके बाद वन विभाग ने संस्था का साथ छोड़ दिया। ऐसे में प्यूपिल फॉर एनिमल्स संगठन के सदस्यों ने घायल हथिनी जिसका नाम रजनी बताया जा रहा है उसको राहत देने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
याचिकाकर्ता प्रियांशु जैन ने बताया कि हाथी एनिमल वेलफेयर बोर्ड की टाइप-1 कैटेगरी में आता है और उसके घायल होने के साथ ही उसका मैजिक शो में उपयोग करना पशु क्रूरता में शामिल है। ऐसे में हाथी का जादू के खेल में उपयोग नहीं करना चाहिए और उसे उपचार के बाद जंगल मे छोड़ देना चाहिए। हालांकि इंदौर जिला प्रशासन और वन विभाग के रवैये को लेकर भी याचिकाकर्ता प्रियांशु जैन ने चिंता जताई है।
हालांकि बॉलीवुड की मूवीज में अब मूक प्राणियों का उपयोग कम कर दिया गया है और जो डायरेक्टर उनका उपयोग करता है वो एनिमल वेलफेयर बोर्ड और तमाम कानूनों का पालन करता है। ऐसे में इंदौर में एक जादूगर द्वारा बिना किसी अनुमति के घायल हथिनी के उपयोग करने पर कई सवाल खड़े कर दिए। फिलहाल, इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई के लिये 24 मई की तारीख निश्चित की है।