खरगौन। मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवा लचर होती जा रही है। ताजा मामला खरगौन से सामने आया है। जहां नसबंदी कराने पहुंचीं 42 महिलाओं को फर्श पर लिटा दिया गया। अस्पताल प्रशासन ने उन्हें न तो बेड उपलब्ध कराया और न ही पीने का पानी। हैरान करने वाली बात ये है कि अस्पताल के हॉल में रखे ढेरों पलंग धूल खा रहे हैं। अस्पताल के इस अमानवीय हरकत से मरीजों में रोष है।
Health care in the state: Leaving women after sterilization, recently lying beds
क्योंकि इस कड़ाके की ठंड में उन्हें आॅपरेशन के बाद फर्श पर बिछे टेंट के गंदे गद्दों पर लिटाया गया, जिनसे उन्हें बीमारी भी हो सकती है। वहीं इस मामले में अस्पताल प्रबंधन लापरवाही से किनारा करते हुये मरीजों को अच्छी व्यवस्था देने का दावा कर रहा है। मरीजों ने बताया कि यहां न तो पीने के लिये पानी है और ना ही सोने के लिये पंलग। जबकि उन्हें टैंट वाले गंदे गद्दों पर लिटाया गया।
सिविल सर्जन का कहना है कि अस्पताल में छमता से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। फिर भी उन्होंने उन्हें मौसम के अनुसार कपड़े उपलब्ध कराये हैं। बता दें कि जिला अस्पताल में धार और बड़वानी जिले के लोग भी इलाज के लिये आते हैं। इन दिनों जनसंख्या नियंत्रण के लिए देशभर में भारत सरकार राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम चला रही, जिसके तहत हर जिले में नसबंदी का एक टारगेट दिया जाता है। लेकिन कागजों पर वाहवाही बटोरने के चक्कर में अस्पताल प्रशासन महिलाओं की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है।