नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा के संकल्प पत्र को ‘एक व्यक्ति’ की आवाज करार देते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि इस घोषणापत्र को बंद कमरे में तैयार किया गया है। यह घमंड से भरा हुआ है और इसमें दूरदर्शिता का अभाव दिखता है। उन्होंने यह दावा किया कि उनकी पार्टी का घोषणापत्र लंबे विचार-विमर्श के बाद तैयार किया ग
उनके इस बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। अमेठी सीट से राहुल की धुरविरोधी भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने कहा कि यदि उन्होंने देश पर अपना ध्यान केंद्रित किया होता तो देश को उनके दृष्टिकोण के बारे में पता चल जाता। वहीं, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भाजपा का संकल्प पत्र छह करोड़ लोगों से संवाद के बाद उनकी राय ये तैयार हुआ है। ये बातें उन्हें(राहुल गांधी को) समझ में नहीं आएंगी। राहुल के लिए उन्होंने ‘चिढ़ाने वाले शब्द’ का भी प्रयोग किया।
राहुल गांधी के ट्वीट से गरमाई सियासत
राहुल गांधी ने ट्वीट किया है, ‘कांग्रेस का घोषणापत्र विचार-विमर्श के माध्यम से तैयार हुआ। इसमें 10 लाख से अधिक भारतीय नागरिकों की आवाज शामिल है। यह समझदारी भरा और प्रभावशाली दस्तावेज है।’ उन्होंने दावा किया, ‘भाजपा का घोषणापत्र बंद कमरे में तैयार किया गया है। इसमें एक अलग-थलग पड़ चुके व्यक्ति की आवाज है। यह अदूरदर्शी है और अहंकार से भरा है।’
राहुल गांधी के बयान पर स्मृति ईरानी ने पलटवार करते हुए कहा, ‘राहुल गांधी का भाजपा से खास लगाव है। यदि उन्होंने देश पर अपना ध्यान केंद्रित किया होता तो देश को उनके दृष्टिकोण के बारे 1में पता चल जाता। दृष्टिकोण होने के बावजूद उनकी कार्यक्षमता पर एक प्रश्नचिह्न है क्योंकि देश को अमेठी की स्थिति पता है। एक तरफ कुशल सरकार है जिसने न्यू इंडिया बनाने का संकल्प लिया है वहीं दूसरी तरफ एक आदमी है जो केवल घोषणाएं करता है।’
पीएम मोदी ने कांग्रेस के ‘न्याय’ पर बोला था हमला
संकल्प पत्र जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना नाम लिए कांग्रेस पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में एयर कंडीशन मैं बैठे लोग गरीबी को हरा नहीं सकते। गरीब ही गरीबी को परास्त कर सकता है। ये हमारा मंत्र है और इसलिए गरीबों के सशक्तीकरण पर हमने बल दिया है।
वहीं सोमवार को कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस करके भाजपा के घोषणापत्र को झूठा बताया था। पार्टी की प्रेस कांफ्रेंस में वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा था कि पीएम मोदी को संकल्प पत्र नहीं, बल्कि माफीनामा जारी करना चाहिए था। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने घोषणापत्र से गायब मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया था।