बार-बार बिजली गुल होने से परेशान हुर्इं हेमा मालिनी, मोबाइल की रोशनी में पढ़ा भाषण

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भोपाल। एक ओर जहां बीजेपी मध्य प्रदेश में कमल दीपावली मनाते हुए दीये जला रही थीं वहीं उनकी सांसद हेमा मालिनी की सभा में बार-बार बिजली गुल होने से शर्मिंदगी का सबब बन गया। बिजली गुल होने पर हेमा को मोबाइल के टॉर्च की रोशनी से अपना भाषण पूरा करना पड़ा।
Hema Malini, troubled by frequent power loss, reads speech in mobile light
दरअसल मथुरा से बीजेपी सांसद हेमा मालिनी बुधवार को भोपाल की नरेला सीट से बीजेपी उम्मीदवार विश्वास सारंग के लिए प्रचार करने पहुंच थी जहां हेमा को सुनने के लिए काफी भीड़ मौजूद थी। वहीं अचानक बिजली गुल होने से जनसभा में अफरा-तफरी मच गई। बार-बार बिजली गुल होने से हेमा परेशान हो गईं और जैसे-तैसे मंच पर मौजूद कार्यकतार्ओं के मोबाइल के टॉर्च की रोशनी से भाषण पढ़ा।

चुनाव में आज भी पुराने डायलॉग से वोट मांग रहीं हेमा मालिनी
‘आज बसंती आपके बीच आई है। बसंती की इज्जत का सवाल है। चल धन्नो!’ 15 अगस्त 1975 को सुपरहिट फिल्म आई थी शोले। जय-वीरू की जोड़ी और गब्बर के बीच तांगे वाली बसंती का किरदार भी खूब मशहूर हुआ था। यह किरदार निभाने वालीं हेमा तब 27 साल की थीं। आज उनकी उम्र 70 है। उस समय वह केवल अदाकारा थीं। आज मथुरा से सांसद भी चुनी जा चुकी हैं। फिल्म रिलीज होने के बाद पिछले 43 साल में देश आगे बढ़ गया, नई पीढ़ियां आ गईं, लेकिन बसंती की इज्जत आज भी खतरे में है।

हेमा मालिनी इन्हीं डायलॉग के साथ मध्य प्रदेश में बीजेपी के लिए वोट मांग रही हैं। पिछले एक हफ्ते से वह हर दिन चार से पांच सभाएं करती हैं और हर जगह बसंती की इज्जत से बात शुरू होकर वहीं खत्म होती है। खास बात है कि उनकी सभाओं में बड़ी संख्या में 25 से 30 साल के युवा आते हैं, जो शोले के बाद पैदा हुए। 15 साल की उम्र में घर से भाग कर यह फिल्म देखने वाले राजेश जैन कहते हैं, ‘हेमा के मांगने से वोट मिलते हैं या नहीं, लेकिन उनके ग्लैमर का असर तो दिखता है।’ अपने प्रचार में हेमा से डायलॉग बोलने के लिए आग्रह करने वाले एक नेता नाम नहीं छापने की शर्त पर बताते हैं कि बसंती अब भी सभी पर भारी है।

कांग्रेस बोली, प्रदेश की बेटियों पर भी बात करें हेमा
कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि हेमा मालिनी को बसंती की इज्जत के साथ प्रदेश की लाखों बहन-बेटियों की इज्जत का सवाल भी उठाना चाहिए। शोले में जय-वीरू की जोड़ी ने बसंती की इज्जत बचा ली थी। मध्य प्रदेश में तो रोज कई बसंती की इज्जत तार-तार होती है। उन्हें मोदी बचाते हैं न शिवराज।