हाई कोट का आदेश, दुर्गा पूजा समितियों को अभी भुगतान न करे ममता सरकार

0
657

कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को बंगाल सरकार से अगले मंगलवार तक दुर्गा पूजा से जुड़ी अपनी भुगतान योजना को रोककर रखने के लिए कहा है। मंगलवार को इसपर फिर से सुनवाई की जाएगी। योजना के तहत राज्य की प्रत्येक दुर्गा पूजा समिति को 10 हजार रुपये का अनुदान दिए जाने की घोषणा की गई थी। ममता सरकार ने कुल 28 करोड़ रुपये के अनुदान का ऐलान किया था।
High Court Order, Do not Pay Dada Pooja Committees Now Mamata Government
हाई कोर्ट वकील सौरव दत्ता द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रहा था। सौरव ने 9 सितंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वार शुरू की गई एक योजना पर सवाल उठाया था जिसमें दुर्गा पूजा समितियों को 10,000 रुपये का अनुदान सरकार की ओर से दिए जाने की घोषणा की गई थी। याचिका में एक बार दिए जाने वाले इस अनुदान के पीछे तर्क पर सवाल उठाया गया है और इसकी आलोचना की गई है।
अदालत ने कहा कि उम्मीद है कि सरकार मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश (एसीजे) देबाशीष कर गुप्ता द्वारा राज्य के वकील (एजी) किशोर दत्ता से शुक्रवार को पूछे गए सवालों के जवाब के साथ सुनवाई के लिए तैयार होगी।

न्यायमूर्ति कर गुप्ता ने कहा कि इस योजना में राज्य के राजकोष से भारी राशि शामिल है। कोर्ट ने एजी से पूछा कि क्या राज्य ने इसे लॉन्च करने से पहले दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। एचसी ने यह भी जानना चाहा कि क्या राज्य धार्मिक त्यौहारों के लिए अनुदान जारी कर सकता है, और क्या यह सभी धार्मिक त्योहारों पर लागू होता है।

कर गुप्ता ने दत्ता से पूछा, ‘बंगाल में 2,800 से अधिक समुदाय दुर्गा पूजा समितियां हैं। उनका चयन करने के मानदंड क्या हैं जो एक बार अनुदान प्राप्त करेंगे? क्या सरकार मनमुताबिक किसी को भी चुन सकती है और यह राशि दे सकती है?’ न्यायमूर्ति शिम्पा सरकार के साथ खंडपीठ पर एसीजे ने एजी से पूछा, ‘क्या कोई चेक वैल्यू भी है? अगर एक पूजा समिति 9,000 रुपये खर्च करती है तो बाकी पैसे का क्या होना है? क्या यह वापस आ पाएगा? आखिरकार यह जनता का पैसा है।’

खंडपीठ ने राज्य को याद दिलाया कि राज्य को ‘हमेशा धन की कमी के संकेत मिलते हैं और वैध बकाया लंबित हैं’, इसके बावजूद 28 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अदालत ने मंगलवार को सुनवाई का दिन तय किया है और तब तक के लिए भुगतान को रोकने के निर्देश दिए हैं।