चांद पर कैसे दिखे जूते के निशान, जानिए यहां

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नई दिल्ली

क्या आप जानते हैं कि इस दुनिया का मशहूर जूते का निशान कहां है? आप जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे क्योंकि यह ऐतिहासिक और मशहूर निशान इस दुनिया में नहीं बल्कि चांद की सतह पर मौजूद है। 50 साल पहले जब अपोलो 11 चांद की सतह पर पहुंचा तो बज एल्ड्रिन ने अपने इस जूते के निशान का फोटो खींच लिया था। वैसे तो चांद पर पहला कदम नील आर्मस्ट्रांग ने रखा था पर बज के जूतों के निशान की फुल फोटो काफी चर्चा में रही। दरअसल, हुआ यूं कि बज चांद पर पहला कदम रखकर आगे बढ़े और फिर एक कदम पीछे आकर उन्होंने यह फोटो ली थी।

उस वक्त भले ही इसमें कुछ खास न दिखा हो, लेकिन आज यही फोटो इस बात का ऐतिहासिक सबूत है कि कभी इंसान ने चांद की सतह पर कदम रखे थे। Magnificent Desolation नाम की एक किताब में बज एल्ड्रिन ने लिखा है, ‘ यह फुटप्रिंट असल में मेरे मून बूट का निचला हिस्सा है, जिसमें उस हिस्से की हर बारीक चीज परफेक्ट नजर आ रही है।’ एल्ड्रिन का यह फुट प्रिंट काफी गहरा था।

रिचर्ड ने ही डिसाइड किया था कि चांद की सतह पर जाने वाले इंसानों के जूतों के निशान चांद पर कैसे दिखेंगे। रिचर्ड एलिस आईएलसी इंडस्ट्रीज के लिए एक मॉडल मेकर के तौर पर काम करते थे। उसी कंपनी ने नासा के स्पेस प्रोग्राम के लिए स्पेस सूट बनाने की बोली जीती थी।

एलिस का काम था कि वह अंतरिक्ष यात्रियों का नाप लें ताकि इंजिनियर उनके लिए स्पेस सूट डिजाइन कर सकें। हालांकि रिचर्ड एलिस का चिरकालिक योगदान नीले सिलिकन रंग के मून बूट्स के सोल से सामने आया। आईएलसी से रिटायर हो चुके टेस्ट इंजिनियर बिल अयरे (Bill Ayrey) कहते हैं, ‘यह ऐसा तो बिल्कुल भी नहीं था जैसा नासा ने चाहा था। बल्कि यह खुद रिचर्ड के दिमाग की उपज थी। उसी की यह सोच थी कि जब इंसान चांद की सतह पर उतरेगा तो उसकी चाल कैसी होगी, उसका निशान कैसा होगा।’