नई दिल्ली
श्रीनगर के बड़गाम में 27 फरवरी को हुए एमआई-17 हेलिकॉप्टर क्रैश मामले में वायुसेना के दो अधिकारियों का कोर्ट मार्शल किया जाएगा। चार अन्य अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस हादसे में वायुसेना के 6 अधिकारियों की मौत हुई थी। यह हादसा स्पाइडर एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम द्वारा किए गए फ्रैंडली फायर के चलते हुआ था।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ग्रुप कैप्टन और एक विंग कमांडर का कोर्ट मार्शल होगा। इनके अलावा दो एयर कमांडर और दो फ्लाइट लेफ्टिनेंट के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।
अपने ही हेलिकॉप्टर को निशाना बनाना बड़ी गलती: भदौरिया
वायुसेना प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने 4 अक्टूबर को कहा था कि एमआई-17 हेलिकॉप्टर क्रैश को लेकर कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी ने जांच पूरी कर ली है। इसमें दो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। यह हमारी गलती थी कि हमने अपने ही हेलिकॉप्टर को निशाना बनाया। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी गलती न दोहराई जाए।
ब्लैक बॉक्स चोरी के कारण जांच में देरी हुई
वायुसेना ने एयर कॉमोडोर रैंक के अधिकारी को इस मामले की जांच सौंपी थी। इस जांच में कुछ देरी भी हुई, क्योंकि बड़गाम में ग्रामीणों ने हेलिकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स चुरा लिया था। हादसे के दौरान घटना स्थल पर गए सेना के वाहनों पर पत्थरबाजी भी की गई थी।
टेकऑफ के 10 मिनट बाद क्रैश हुआ था हेलिकॉप्टर
जांच के दौरान सामने आया कि श्रीनगर एयरबेस पर एयर डिफेंस की जिम्मेदारियां संभाल रहे ये अधिकारी एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टर को बेस की तरफ आती हुई मिसाइल समझ बैठे थे। जबकि, यह हेलिकॉप्टर एक मिशन से वापस लौट रहा था। 27 फरवरी को श्रीनगर की 154 हेलिकॉप्टर यूनिट का हेलिकॉप्टर टेकऑफ के 10 मिनट बाद ही क्रैश हो गया था। हादसे में 6 वायुसेना अधिकारियों के अलावा एक सिविलियन की मौत हो गई थी। इसी दौरान करीब 100 किलोमीटर दूर ही भारतीय वायुसेना के जंगी विमान पाक के जंगी विमानों को सीमा से बाहर खदेड़ रहे थे। इस अभियान में विंग कमांडर अभिनंदन शामिल थे।