अगर लालू को जाना है बेटे की शादी में तो पूरी करनी पड़ेंगी कानूनी प्रक्रियाएं

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पटना/रांची। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की शादी में शामिल होने कब और कैसे जाएंगे, यह अभी तय नहीं हुआ है। अगर सभी कानूनी अड़चनें दूर कर दी गई तो गुरुवार को लालू बेटे तेजप्रताप की शादी में शामिल होने पटना रवाना हो सकते हैं। लेकिन बारात में जाने से पहले उन्हें कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करनी पड़ेगी। इसके लिए उन्हें रिम्स से जेल जाना होगा।
If Laloo has to go, son’s marriage must be completed in legal procedures
बता दें कि बुधवार शाम 5.50 बजे उन्हें फ्लाइट से पटना जाना था। यह लगभग तय भी हो गया था। इधर पटना में लालू यादव के आने की खबर से परिवारवालों से लेकर समर्थकों की खुशियां बढ़ गई थी। इसे लेकर लालू प्रसाद यादव ने खुद ही रांची से पटना के लिए इंडिगो का टिकट करवाया था, लेकिन फ्लाइट छूटने से एक घंटा पहले उन्होंने अपना टिकट कैंसिल करवा लिया।

बिहार के राजद विधायक भोला यादव ने लालू के पेरोल में विलंब होने के पीछे साजिश की आशंका जताई है। इसके बाद बुधवार शाम से उनका मोबाइल भी बंद हो गया। वहीं देर रात फिर मेडिकल बोर्ड की टीम की बैठक हुई, स्वास्थ्य रिपोर्ट की समीक्षा के बाद डाक्टरों की आम राय बनी कि लालू प्रसाद को बाहर भेजा जा सकता है।

मेडिकल बोर्ड ने रात 11.45 बजे जेल अधीक्षक को अपने निर्णय से अवगत करा दिया। इससे पूर्व मंगलवार की रात छह डॉक्टरों की मेडिकल बोर्ड से लालू के स्वास्थ्य की जांच करवाई गई, जिसमें बोर्ड ने भी लालू को यात्रा के लिए फिट करार दिया था। हालांकि, जेल महानिरीक्षक की ओर से बुधवार रात 12 बजे तक लालू के पेरोल पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है।

विश्वस्त सूत्रों की मानें तो लालू प्रसाद को गुरुवार को 10 से 14 मई तक पेरोल की स्वीकृति मिल जानी है। ऐसे में संभावना यह जताई जा रही है कि वे 10 मई को पटना के लिए रवाना हो सकते हैं। गौरतलब है कि पटना में लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप की शादी 12 मई को निर्धारित है।

रिम्स में प्रभारी निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव की अध्यक्षता में मेडिकल बोर्ड की बैठक बुधवार की रात लगभग 11 45 बजे संपन्न हुई। लालू प्रसाद की स्वास्थ्य रिपोर्ट की समीक्षा के बाद निदेशक ने बताया कि लालू प्रसाद कई बीमारियों से ग्रसित हैं। डॉक्टरों की सर्वसम्मति से राय बनी है कि लालू प्रसाद को बाहर भेजा जा सकता है।

लेकिन उन्हें निरंतर बताई गई दवाओं का सेवन करना होगा एवं एम्स तथा रिम्स के चिकिसकों के बताए गए निदेर्शों का पालन करना होगा। बोर्ड की बैठक में रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप, मेडिसिन के डॉ उमेश प्रसाद, कार्डियो के डॉ प्रकाश कुमार व अन्य उपस्थित थे। निदेशक ने बताया कि बोर्ड के निर्णय से जेल अधीक्षक को अवगत करा दिया गया है।