इमरान के पीएम बनने की राह नहीं आसान, पीटीआई के पास बचीं मात्र 109 सीटें

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इस्लामाबाद। 25 जुलाई को हुए आम चुनाव में पड़े वोटों की गिनती पूरी हो गई है और आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि, स्थिति पहले ही स्पष्ट हो गई थी और इमरान खान का अगला प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा था लेकिन सवाल यह है कि बहुमत से दूर खान आखिरकार सरकार कैसे बना पाएंगे?
Imran is not easy to become PM, only 109 seats left with PTI
चुनाव आयोग के मुताबिक, पीटीआई को संसद की 115 सीटों पर जीत मिली है लेकिन यह सीटें घटकर 109 तक सीमित रह जाएंगी। आइए आपको बताते हैं कि सरकार गठन का पेच आखिर कहां फंस रहा है?  ‘डॉन न्यूज’ के मुताबिक, पाकिस्तान चुनाव आयोग ने शनिवार को औपचारिक घोषणा कर बताया कि पीटीआई ने 115 सीटों पर जीत हासिल की है और उन्हें जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए 22 और सांसदों के साथ की जरूरत है। इसके अलावा पीएमएल-एन ने 64 और पीपीपी ने 43 सीटें हासिल की हैं।

लेकिन असल पेच यह है
दरअसल, अब एक से ज्यादा सीटों से चुनाव लड़ने और जीतने वाले पीटीआई नेता सिर्फ एक ही सीट पर बने रह सकते हैं। पीटीआई चेयरमैन इमरान खान खुद 5 सीटों से चुनाव लड़े थे और वे इन सभी पर जीत भी गए हैं, जिसका मतलब हुआ कि उन्हें बाकी 4 सीटें खाली करनी पड़ेंगी।

इसके अलावा पीटीआई नेता गुलाम सरवर खान ने भी पूर्व गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान को हराकर दो नैशनल असेंबली सीटों पर जीत हासिल की है। उन्हें भी एक सीट खाली करनी पड़ेगी। खैबर पख्तूनख्वाह के पूर्व मुख्यमंत्री परवेज खट्टक ने संसद और विधानसभा दोनों ही सीटों से चुनाव जीता है। अगर पीटीआई परवेज खट्टक को दोबारा मुख्यमंत्री पद ही सौंपने का फैसला लेगी तो उन्हें नैशनल असेंबली की सीट छोड़नी पड़ेगी। इसका मतलब है कि पीटीआई को मिली सीटें घटकर 109 पर आ जाएगी।

छोटी पार्टियों पर निर्भर हैं इमरान
सब आकलन के बाद पीटीआई नेतृत्व ने अब छोटी पार्टियों और निर्दलीयों से संपर्क करने का फैसला किया है। पीटीआई ने पहले ही यह घोषणा कर दी थी कि वह सरकार बनाने के लिए पीपीपी और पीएमएल-एन के साथ हाथ नहीं मिलाएगी।