वर्ल्ड डेस्क
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा के संबंधों में सरकार चलाने के तौर तरीकों को लेकर खटास आ गई है। बाजवा को इमरान खान का खास परामर्शक माना जाता है और इमरान को सत्ता में लाने में बाजवा ने अहम भूमिका निभाई थी।
दि इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की राजनीति और सैन्य-नागरिक संबंधों के जानकार ने बताया कि सेना प्रमुख जनरल बाजवा इमरान खान की सरकार के प्रदर्शन और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के संचालन से खुश नहीं हैं।
एक व्यक्ति ने बताया कि सेना मानती है कि हालांकि परवेज मुशर्रफ के राष्ट्रपति रहते हुए खुलेआम कई आतंकी संगठन संचालित हो रहे थे, लेकिन सेना को एफएटीएफ प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि सेना को यह भी लगता है कि पहले लोगों के लापता होने और धार्मिक अल्पसंख्यकों से संबंधित कार्रवाइयों की वैश्विक स्तर पर कम आलोचना होती थी।
दोनों के बीच बढ़ते तनाव के बीच माना जा रहा है कि बाजवा ने हालिया कैबिनेट फेरबदल में अपने अधिकारों का इस्तेमाल किया है। जनरल बाजवा के इस कदम को ऐसे प्रयास के बारे में देखा जा रहा है कि इमरान को सत्ता से हटाकर सेना के पास लाई जाए।