2013 के चुनाव में कांग्रेस का 17 जिलों में नहीं खुला था खाता, इस बार लगा रही एड़ी-चोटी का जोर

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भोपाल। विधानसभा चुनाव के लिए कल सुबह 8 बजे से वोटिंग शुरू होगी। प्रचार का शोर थम चुका है और प्रत्याशी घर-घर दस्तक दे रहे हैं, बीती रात प्रत्याशियों के लिए कयामत वाली रही। पूरी रात प्रत्याशी भागमभाग करते रहे और कल वोटर कुल 2907 प्रत्याशियों का सियासी भाग्य ईवीएम में बंद कर देंगे। जो 11 दिसंबर को खुलेगा।
In the 2013 election, the Congress did not open in 17 districts, this time the heeled peak
पिछले चुनाव में 17 जिलों में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था, जबकि 16 जिलों में बमुश्किल खाता खोल पायी थी। लिहाजा इस बार सबकी नजरें उन जिलों पर टिकी हैं जहां कांग्रेस को एक भी सीट मयस्सर नहीं हुई थी, वहां कांग्रेस इस बार एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है तो बीजेपी भी कमल खिलाने की कोशिश में जुटी है।

पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी 165 सीटें जीतकर सत्ता के शिखर पर पहुंची थी, जबकि कांग्रेस को महज 58 सीटें ही मिली थी। पिछली बार बीजेपी की इस जीत में 52 जिलों वाले सूबे के 17 जिलों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था। इन जिलों के अंतर्गत आने वाली 65 विधानसभा सीटों में से 64 सीटें जीतकर बीजेपी ने कांग्रेस को जोरदार झटका दिया था, जबकि झाबुआ की एक सीट पर निर्दलीय ने परचम लहराया था।

इन जिलों में कांग्रेस को नहीं मिली थी एक भी सीट
दतिया, उमरिया, बैतूल, होशंगाबाद, रायसेन, शाजापुर, देवास, उज्जैन, रतलाम, नीमच, खंडवा, बुरहानपुर, अलीराजपुर, नरसिंहपुर, रतलाम, झाबुआ, आगर। ये वो जिले हैं जिनमें पिछली बार कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल पाया था या यूं कहें कि इन जिलों से कांग्रेस का पूरी तरह सफाया हो गया था।

इन जिलों में महज एक सीट पर मिली थी जीत
वहीं, सागर, पन्ना, दमोह, छतरपुर, कटनी, शहडोल, सिंगरौली, डिंडौरी, मंडला, हरदा, राजगढ़, सीहोर, इंदौर, मंदसौर, श्योपुर, भोपाल इन जिलों में कांग्रेस को महज एक-एक सीट से ही संतोष करना पड़ा था।

मालवा-निमाड़ में बुरी तरह पिछड़ गयी थी कांग्रेस
मध्यप्रदेश में सत्ता की चाबी कहे जाने वाले मालवा-निमाड़ अंचल में भी कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। यहां के 11 जिलों में कांग्रेस का खाता नहीं खुलने की वजह से सूबे में उसे इतनी बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में कांग्रेस ने इस बार यहां पूरी ताकत झोंक दी है।

इस बार पूरी तैयारी में दिखी कांग्रेस
भले ही कांग्रेस पिछली बार 17 जिलों में अपना खाता तक नहीं खोल पायी थी। लेकिन, इस बार वह चुनावी समर के दौरान पूरी तैयारी के साथ मैदान में दिखी है। चुनाव से पहले पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाये गये कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने इस बार चुनावी जंग फतह करने के लिये ऐड़ी-चोटी का जोर लगाया है।