पिछले 24 घंटे में 13,586 नए मामले सामने आए हैं और 336 लोगों की मौत

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TIO NEW DELHI

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 13,586 नए मामले सामने आए हैं और 336 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 3,80,532 हो गई है, जिनमें से 1,63,248 सक्रिय मामले हैं, 2,04,711 लोग ठीक हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब तक 12,573 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, आज ओडिशा में 165 और राजस्थान में 52 नए मामले दर्ज किए गए।

राजस्थान में 52 नए मामले सामने आए

राजस्थान में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 13,909 और मृतकों की संख्या 331 हो गई है। कुल संक्रमित मरीजों में से 10,801 लोग ठीक हो चुके हैं और 10,538 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 2,777 है।
राजस्थान स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी कोरोना बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में आज सुबह 10.30 बजे तक कोरोना पॉजिटिव के 52 नए मामले सामने आए हैं और एक मरीज की मौत हुई है। इस अवधि में 59 लोग ठीक हुए हैं और 54 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है।

चेन्नई के पुलिस आयुक्त एके विश्वनाथन ने कहा कि ‘हमने लॉकडाउन को लागू करना शुरू कर दिया है। शहर के कई क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से न केवल निगरानी की जा रही है, बल्कि ड्रोन स्पीकर के माध्यम से घोषणा भी की जा रही है। जरूरी सामानों को ले जाने वाले वाहनों को छोड़कर अन्य को अनुमति नहीं दी जाएगी।’
बीएमसी आयुक्त ने कहा कि ‘हमने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया था कि निजी अस्पतालों के साथ मिलीभगत कर कोई भी बिना लक्षण वाले (असिंप्टोमेटिक) पॉजिटिव मरीज आईसीएमआर के दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं करेगा और अपना पैसा खर्च करके इन अस्पतालों में आरक्षित कोविड बेड पर कब्जा नहीं करेगा। लेकिन मुझे व्यक्तिगत स्तर पर पता चला कि बहुत सारे अस्पतालों ने इस निर्णय का उल्लंघन किया। इसलिए 13 जून को रिपोर्ट सीधे मरीजों के साथ साझा नहीं करने का आदेश जारी करना पड़ा।’
कोरोना संक्रमित से परिजनों में तेजी से फैल रहा वायरस, पॉजिटिव मरीज में नहीं दिखते लक्षण
कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से परिवार के सदस्यों के बीच फैल रहा है। एक शोध में खुलासा किया गया है कि संक्रमण फैलने के बाद ही पीड़ित में इसके लक्षण दिखाई देते हैं। शोध में बताया गया है कि कोरोना वायरस का वर्तमान रूप सार्स कोव-2 पुराने सार्स वायरस के मुकाबले घर के हालातों में दोगुना संक्रमणकारी है, इसकी खास बात यह है कि यह संक्रमण फैलने के बाद ही पीड़ित में इसके लक्षण दिखाई देते हैं।

चीन और अमेरिका के शोधकर्ताओं का कहना है कि उनकी पड़ताल का संक्रमण कम करने की दिशा में खासा असर हो सकता है। चीन के गुवांगझोऊ शहर में शोधकर्ताओं ने 350 मरीजों और उनके करीब 2000 संपर्कों के आंकड़ों का उपयोग किया। इससे उन्होंने कोरोना के दूसरे हमले की दर का अनुमान लगाया।
इस दर से यह पता लगाया जाता है कि संक्रमित मरीज से किसी दूसरे व्यक्ति में यह बीमारी फैलने की कितनी आशंका है। शोधकर्ताओं ने पाया कि कोविड-19 के एक मरीज के अपने ही परिवार के सदस्य या फ्लैट में रहने वाले साथी को संक्रमित करने की आशंका काफी ज्यादा है, वह भी तब जब मरीज में संक्रमण के लक्षण दिखाई ही न दें। शोधकर्ताओं ने कहा कि इसकी आशंका 39 प्रतिशत है।

शोध में कहा गया है कि संक्रमण होने और लक्षण दिखाई देने के बीच के समय में ही यह वायरस आसानी से फैलता है और वह भी उन लोगों से जिन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं होता कि वे संक्रमित हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि घर में आइसोलेशन से कोविड-19 संक्रमण की संख्या में कमी आई है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर क्वारंटीन का तरीका नहीं अपनाया गया होता तो आज 20 से 50 प्रतिशत तक ज्यादा संक्रमण होता।