नई दिल्ली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पिछले हफ्ते कपिल सिब्बल और उनकी पत्नी को एक लाख रुपये में ग्रांड कास्टेलो प्राइवेट लिमिटेड के 100 प्रतिशत शेयर होल्डिंग ट्रांसफर करने के मामले में वर्ल्ड विंडो इम्पैक्स इंडिया के परिसर में जांच-पड़ताल की। सिब्बल के चार्टेड अकाउंटेंट विधु चड्ढा ने टाइम्स आॅफ इंडिया को बताया कि यह सौदा इनकम टैक्स के कानूनों के मुताबिक ही था।
Income tax is being investigated by Sibal and his wife’s property purchased
सूत्रों का कहना है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चला है कि पूर्व मंत्री ने ग्रांड कास्टेलो का करीब 51 करोड़ रुपये का लोन बढ़ाया था, इस कंपनी के पास सेंट्रल दिल्ली के हेली रोड पर प्राइम प्रॉपर्टी होने के अलावा कोई और दूसरा बिजनस नहीं है। इस प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू वर्तमान सर्कल रेट के हिसाब से 89 करोड़ रुपये से ज्यादा बैठती है। सूत्रों का कहना है, ‘साल 2016-2017 में करीब एक लाख रुपये और 51.2 करोड़ रुपये के लोन के बदले शेयर स्वैप के जरिए यह प्रॉपर्टी कपिल सिब्बल और उनकी पत्नी को ट्रांसफर की गई थी।’ सूत्रों का कहना है कि यदि सिब्बल ने यह प्रॉपर्टी खरीदी है तो इनकम टैक्स और स्टैम्प ड्यूटी देय होगी।
जब टाइम्स आॅफ इंडिया ने सिब्बल से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने अपने चार्टेड अकाउंटेंट से बात करने को कहा, जिन्होंने यह डील की थी। विधु चड्ढा ने बताया यह डील उचित प्रक्रिया और इनकम टैक्स कानूनों के मुताबिक की गई है। उन्होंने कहा, ‘आईटी ऐक्ट में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि जिस कंपनी के पास अचल संपत्ति है, उसका अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘पूरे देश में यही सामान्य प्रक्रिया है। यदि कोई प्रॉपर्टी किसी कंपनी के नाम पर ही है तो आप क्या कर सकते हैं। आप प्रॉपर्टी की वैल्यू के मुताबिक, उस कंपनी के शेयर खरीदते हैं।’
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब इस बात की जांच कर रहा है कि संपत्ति अधिग्रहण कर उसकी अकांउंटिंन न करके कहीं टैक्स तो नहीं बचाया गया है? आई-टी विभाग जांच कर रहा है कि संपत्ति अधिग्रहण के लिए लेखांकन नहीं कर कर कर से बचने के लिए मामला बनाया गया है या नहीं? बता दें कि मार्च में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने सिब्बल पर जमीन घोटाले का आरोप लगाया था।
इरानी ने आरोप लगाया कि कपिल सिब्बल जब केंद्र में कानून मंत्री थे, तब उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग के एक आरोपी से करोड़ों की जमीन कौड़ियों में खरीदी। इसके बाद सिब्बल ने इन आरोपों पर जवाब देते हुए कहा था, ‘हां, मैंने कंपनी खरीदी…पैसे दिए…अपनी कमाई से दिए…टैक्सपेड मनी दी…इनकम टैक्स रिटर्न और कंपनी रिटर्न दाखिल किए…जो अप टु डेट हैं…रेकॉर्ड में सारे तथ्य हैं।’