आयकर रिपोर्ट..! सत्ता में बिगड़ते सिंधिया के समीकरण…

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राघवेंद्र सिंह



सियासत में शायद ही कोई दूध का धुला हो बहुत दुर्लभ है धुला पुछा होना… सत्ता की राजनीति में तो यह और भी मुश्किल है। लोकसभा चुनाव के दरम्यान कमलनाथ सरकार के करीबियों पर आयकर विभाग के छापे पड़े थे। करोड़ों रुपए का मामला सामने आया था। तब के कांग्रेसी और उसके बाद सिंधिया महाराज के साथ भाजपाई बने मंत्री- विधायकों के तो मानो करम फूटने की नोबत आ गई। शिवराज मन्त्रिमण्डल का विस्तार होने की अटकलों के बीच 2020 रीता – बीता जा रहा है। शपथ लेने की आसमानी कोशिशों के बीच कलमुंही आयकर छापों की कथित रिपोर्ट मंत्री बनने के हसीन सपनो पर बम बन कर गिरती लग रही है। बिल्ली रास्ता काट जाए या फिर शुभ काम के वक्त कोई काना दिख जाए ऐसे अपशकुन हो रहे हैं। आयकर छापों की 804 पेज की तहरीर में किस किस के भाग्य का छींका टूटेगा पता नही पर ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों की परेशानी अलबत्ता बढ़ती दिख रही है। इस पूरे मामले में केबिनेट विस्तार का दबाव झेल रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके समर्थक जरूर राहत महसूस कर रहे होंगे। इसके चलते विस्तार का मामला जनवरी 2021 तक खिसक सकता है। इससे प्रदेश भाजपा का बहुप्रतिक्षित विस्तार भी टला माना जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधानसभा में नेताप्रतिपक्ष का चयन भी प्रभावित हुए बिना नही रहेगा। तीन आईपीएस अफसर और लगभग पचास नेता इनमे मंत्री- विधायकों के नाम आ रहे हैं। मसला अब ईओडब्ल्यू के हवाले हो सकता है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ऊपर पूरा दारोमदार रहेगा। जांच राज्य सरकार कराएगी और इसके तमाम सूत्र केंद्र के इशारे पर काम करेंगे। कांग्रेस के भीतर कमलनाथ पर सरकार के रहते ढिलाई बरतने के आरोप लग रहे हैं। अब आगे जांच में आरके मिगलानी, प्रवीण कक्कड़ व असीम शर्मा पर कार्रवाई का फोकस रहने के आसार हैं। इनकी संपत्तियों और सरकार में होने वाले कामों और आउट सोर्स की चर्चा है। आज भी कक्कड़ की पकड़ अधिकारियों पर हैं। सुरक्षा एजेंसियों के ठेकों पर भी जांच करने वालों की नजर रह सकती है। इन ठेकों के जरिए टेक्स चोरी के मामले भी पकड़े जा सकते है। जांच के मारफत कांग्रेस के दिग्गजों की नकेल कसी जा सकती है। इसमें राज्य सरकार की इच्छा शक्ति भी पूरे मामले में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।

आयकर जांच रिपोर्ट में सिंधिया केम्प के विधायकों के नाम भी आ रहे हैं जो मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। जब सरकार के विस्तार की बात हो रही है ऐसे वक्त पर आयकर रिपोर्ट को सिंधिया समर्थक सत्ता में उनकी भागीदारी रोकने की साजिश के रूप में देख रहे हैं। भाजपा पूरे मामले को खासकर शिवराज समर्थक इसका सत्ता- संगठन के पक्ष कितना बेहतर इस्तेमाल हो सकता है पर भी विचार विमर्श कर रहे हैं।आने वाले दिनों में इसके असर देखने को मिल सकते हैं।

रामेश्वर शर्मा की चिंता
विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा इस बात से चिंतित हैं कि उनके द्वारा जनहित में लापरवाही बरतने वाले अफसरों को डांट पांच कालम में छपती है और उनके विकास कार्यों की खबरें काफी छोटी प्रकाशित होती हैं। उनकी चिंता वाजिव भी लगती है। यह दर्द उन्होंने भोपाल में पत्रकारों के एक पत्रकारों के संगठन आइसना के कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कही। उम्मीद की जा रही है पत्रकार उनकी पीड़ा को समझेंगे।