नई दिल्ली। टैक्स डिपार्टमेंट अब बड़ी रकम के टैक्स विवादों पर ही विभिन्न अदालतों एवं टैक्स अथॉरिटीज में केस लड़ेगा। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा अदालतों और न्यायाधिकरणों में अपील दायर करने के मामले में मौद्रिक सीमा बढ़ाने का निर्णय किया है। इससे कानूनी वाद-विवाद में फंसा टैक्स अमाउंट 5,600 करोड़ रुपये घट जाएगा। इसके तहत अब न्यूनतम 20 लाख रुपये अथवा इससे अधिक के कर विवादों (टैक्स डिस्प्यूट्स) को ही अपीलीय न्यायाधिकरणों (अपीलेट ट्राइब्यूनल्स) में ले जाया जा सकता है।
Increasing the monetary limit of appeals in tribunals will result in tax disputes: Goyal
गोयल ने कहा कि मार्च 2017 तक के आंकड़ों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट्स और विभिन्न ट्राइब्यूनल्स में कानूनी विवादों में कुल 7.6 लाख करोड़ रुपये की कर राशि फंसी है। सरकार ने बुधवार को कर विवादों को कम करने के लिए ऐसी कर राशि की सीमा बढ़ा दी जिन्हें विभिन्न मंचों पर चुनौती दी जा सके। पहले की स्थिति के मुताबिक टैक्स डिपार्टमेंट सुप्रीम कोर्ट में 25 लाख रुपये से अधिक राशि के मामलों को ही ले जा सकता था जिसे अब बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दिया गया है। यानी टैक्स डिपार्टमेंट उन्हीं मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ले जा सकेगा जिनमें टैक्स डिमांड अमाउंड एक करोड़ रुपये अथवा इससे अधिक होगी।
इसी प्रकार हाई कोर्ट के मामले में यह राशि 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी गई है। इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल्स (आयकर अपीलीय अधिकरणों) और सीमाशुल्क, उत्पाद शुल्क एवं सेवाकर अपीलीय न्यायाधिकरणों के मामले में इस राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है। गोयल ने कहा कि इस सीमा को बढ़ाए जाने से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड में कानूनी वादों की संख्या में क्रमश: 41% और 18% कमी आएगी। इसके चलते कुल 29,580 मामले खत्म हो जाएंगे और कर विवादों की संख्या 37% तक घट जाएगी।
वित्त मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि इससे डायरेक्ट टैक्स बोर्ड की राजस्व वसूली पर 4,800 करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष कर बोर्ड की वसूली पर 800 करोड़ रुपये तक का फर्क पड़ेगा। गोयल ने कहा कि इससे लोगों का टैक्स सिस्टम में विश्वास बढ़ेगा। वहीं ईमानदार, छोटे और मध्यम दर्जे के टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी। उन्होंने इसे कारोबार सुगमता की दिशा में बढ़ाया गया कदम बताया। इस सीमा को बढ़ाए जाने का लाभ यह होगा कि आयकर अपीलीय अधिकरण में दाखिल 34% कर मामले खत्म हो जाएंगे जबकि हाई कोर्ट में दाखिल 48% और उच्चतम न्यायालय में 54% मामले खत्म हो जाएंगे।
गोयल ने कहा कि कई बार देखा गया है कि टैक्स कलेक्शन की राशि से ज्यादा केस लड़ने की लागत हो जाती है, ऐसे में इस कदम से इसे कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही यह कर दाताओं को भी राहत देगा। उन्होंने कहा कि उन मामलों को वापस नहीं लिया जाएगा जहां कोई महत्वपूर्ण कानूनी मुद्दा शामिल होगा।