डोकलाम के बाद भारत और चीन समुद्री सीमा को लेकर फिर हो सकते हैं आमने-सामने

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नई दिल्ली। डोकलाम मुद्दे पर चले लंबे संघर्ष के बाद अब भारत और चीन समुद्री सीमा पर एक दूसरे के आमने-सामने हो सकते हैं। दरअसल, भारत को घेरने की कोशिश में रहनेवाले चीन ने एक नई चाल चली है, जिसमें मलयेशिया ने उसका साथ देकर भारत को झटका दिया है। इससे चीन की नेवी भारत के बहुत करीब आ जाएगी।
India and China can resume maritime boundaries after the dockyard
बता दें कि चीन शनिवार से 9 दिन का संयुक्त नौसेना अभ्यास शुरू करनेवाला है। चीन के रक्षा मंत्री ने जानकारी दी कि उनके साथ इसमें मलयेशिया और थाइलैंड होंगे। चीन यह अभ्यास अपनी नौसेना को मजबूत करने के लिए कर रहा है। इस अभ्यास पर भारत की भी नजरें हैं। यह अभ्यास स्ट्रेट आॅफ मलाक्का में होनेवाला है। मलयेशिया के पास मौजूद यह जगह निकोबार द्वीप से सिर्फ एक हजार किलोमीटर दूर है। वहां भारतीय नेवी का एक एयर स्टेशन भी मौजूद है।

मलयेशिया के इस कदम को भारत के लिए झटके के तौर पर भी देखा जा रहा है, क्योंकि कुछ महीनों पहले ही मलयेशिया ने भारत के साथ द्विपक्षीय सेना अभ्यास किया था। माना जा रहा था कि इससे मलयेशिया के आसियान देशों के साथ संबंध बेहतर होंगे।

क्या-क्या लाएगा चीन
चीन की तरफ से अभ्यास के लिए 3 युद्धपोत, दो जहाज से उड़ान भर सकनेवाले हेलिकॉप्टर, 3 कछ-76 ट्रांसपॉर्ट एयरक्राफ्ट आदि शामिल होंगे। 9 दिन के इस अभ्यास के लिए 692 जवान आएंगे। चीन ने इस अभ्यास को पीस ऐंड फ्रेंडशिप 2018 नाम दिया गया है। उसका कहना है कि यह अभ्यास साउथ चाइना सी क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाने के लिए किया जा रहा है।

हालांकि, अभ्यास के लिए चुनी गई जगह मलयेशिया, इंडोनेशिया और थाइलैंड को जोड़ती है। यह साउथ चाइना सी में नहीं आती बल्कि अंडमान सागर को साउथ चाइना सी से जोड़ती है। 500 मील का यह फैलाव महत्वपूर्ण ट्रेड रूट है, यह भारत और आसियान देशों के व्यापार के साथ-साथ चीनी जहाजों के आने-जाने का रास्ता भी है। बता दें कि चीन पहले से साउथ चाइना सी में बाकी देशों (जैसे फिलिपिंस और वियतनाम) पर अपना रौब जमाता रहा है और अपना दावा जताता रहा है।