भारत और चीन ने 10 घंटे लंबी मैराथन कोर कमांडर वार्ता की, एप्स बैन होने से घबराया चीन

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TIO लद्दाख

लद्दाख में 15 जून को भारतीय सैनिकों के साथ जबरन विवाद करके और धोखे से उन पर हमला करके चीनी सैनिकों ने भारत के 20 जवानों को शहीद कर दिया था। मरते-मरते भारतीय सैनिकों ने भी चीन के करीब 40 सैनिकों को मार गिराया था। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। चीन के 59 एप्स को बैन करने के भारत के फैसले के बाद चीन के डिजिटल सुपर पावर बनने का सपना चकनाचूर हो गया है। लिहाजा, चीन अब मामले को ठंडा करने की कोशिश में लगा है।

इसी कड़ी में दोनों देशों के बीच कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता 10 घंटे तक चली। विभिन्न गतिरोध की जगहों से सैनिकों को हटाने के लिए तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने पर ध्यान केंद्रित किया गया था। यह वार्ता पूर्वी लद्दाख के चुशुल सेक्टर में एलएसी के भारतीय पक्ष में हुई। 22 जून को हुई वार्ता में, दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में सभी तनाव की जगहों से सैनिकों को हटाने के लिए “आपसी सहमति” पर पहुंचे थे।

चीन का डिजिटल सुपर पावर बनने का सपना टूटा

पिछले एक दशक में चीन ने एक वैकल्पिक ऑनलाइन वास्तविकता का निर्माण करने में जुटा है, जिसमें Google और फेसबुक जैसी दिग्गज कंपनियों का अस्तित्व ब-मुश्किल हो। मगर, भारत के साथ विवाद पैदाकर चीन ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। भारतीय सरकार ने चीन को सबक सिखाने के लिए अब ऐसा कदम उठाया है, जिससे वह तिलमिला गया है। मोदी सरकार ने चीन के 59 ऐप्स को बंद कर दिया है। इसके बाद से चीनी विदेश मंत्रालय मामले को ठंडा करने की कोशिश में लगा हुआ है।

दरअसल , चीन के 59 सबसे बड़े ऐप पर प्रतिबंध लगाने का भारत का अभूतपूर्व निर्णय चीन के तकनीकी दिग्गजों को चेतावनी है, जो कई वर्षों से सरकार द्वारा लगाई गई महा-फायरवॉल के पीछे पनप रहे थे। उन चीनी साइट्स और एप्स ने अमेरिका के कई जाने-माने इंटरनेट नामों को बाजार से बाहर कर दिया। यदि भारत को उस खतरे को पूरा करने का एक तरीका मिल जाता है, तो वह यूरोप से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के लिए एक मॉडल पेश कर सकता है, जो अपने नागरिकों के अत्यधिक मूल्यवान डेटा की सुरक्षा करते हुए बाइटडांस लिमिटेड के टिकटॉक जैसे ऐप की व्यापकता को कम करना चाहते हैं।

भारत में बढ़ रहा था चीनी कंपनियों का बाजार

अब अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड से लेकर टेनसेंट होल्डिंग्स लिमिटेड तक के अपने सबसे बड़े टेक कॉरपोरेशन को यह पता चल रहा है कि काम बंद होने पर कैसा लगता है। चीन की इंटरनेट कंपनियों को ऐसा झटका लगा है कि वह दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते मोबाइल जगत में मौजूदगी के बावजूद वहां अब रास्ता बनाने की शुरुआत कर रहे हों और इसके जरिये वह वैश्विक खिलाड़ी बनते हुए अमेरिका की टेक इंडस्ट्री की सत्ता को चुनौती देना चाहता था। TikTok के भारत में 20 करोड़ यूजर्स थे, Xiaomi Corp. नंबर 1 स्मार्टफोन ब्रांड है, और अलीबाबा और Tencent ने आक्रामक रूप से अपनी सेवाओं को आगे बढ़ाया है।