नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ बातचीत को लेकर असमंजस की स्थिति के बाद अब स्पष्ट हो गया है कि भारत और पाक के विदेश मंत्रियों के बीच अगले महीने बात हो सकती है। दरअसल बातचीत को लेकर काफी संशय का माहौल पिछले कुछ वक्त से था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को पत्र लिखा। पाकिस्तान ने इसके बाद दावा किया कि भारत बातचीत चाहता है। भारत ने कहा कि हमने ऐसा नहीं कहा, इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी कहा कि हमारे कहने का गलत अर्थ समझा जा रहा है। हालांकि, हां-ना के सारे असमंजस के बाद आखिरकार भारत और पाकिस्तान दोनों ने बातचीत के लिए सहमति दे दी है।
India and Pakistan ready for talks after confusion, will be meeting next month
दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच अगले महीने मुलाकात हो सकती है। भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री अगले महीने संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली में हिस्सा लेने के दौरान एक-दूसरे से वार्ता कर सकते हैं। इस बीच पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी ट्वीट कर भारत के साथ बातचीत के जरिए मुद्दे सुलझाने की वकालत की थी।
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया, ‘गरीबी को दूर हटाने और उपमहाद्वीप में लोगों के जीवन स्तर को ऊपर ले जाने के लिए जरूरी है कि हम आपसी मतभेद भुलाकर एक-दूसरे के साथ बातचीत करें।’ आधिकारिक तौर पर दोनों देशों के बीच बातचीत भले ही न हो रही हो, लेकिन अनौपचारिक तौर पर दोनों देश आपस में बातचीत की प्रक्रिया में रहे हैं और यह सालों से ऐसा ही होता आ रहा है। नजर डालते हैं बातचीत के इस लंबे सिलसिले पर…
- 1999: रिसर्च फाउंडेशन के पर्यवेक्षक आरके मिश्रा और पाकिस्तान के विदेश सचिव नियाज नायक के बीच बातचीत के बाद ही चिनाब फॉम्युर्ला निकला। इस फॉम्युर्ले के जरिए ही दोनों देशों के बीच नदी के पानी के बंटवारे को लेकर सहमति बनी।
- 2003: ब्रजेश मिश्रा और पाकिस्तान के नैशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल तारिक अजीज के बीच हुई बातचीत के बाद 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के इस्लामाबाद दौरा तय हुआ था। इस दौरे के बाद दोनों देशों के बीच एलओसी पर सीजफायर उल्लंघन को लेकर सहमति बनी।
2 - 004: एनएसए जेएन दीक्षित और तारिक अजीज के बीच संक्षिप्त बातचीत ही हो सकी क्योंकि दीक्षित दफ्तर में सिर्फ 8 महीने तक ही रह सके।
- 2005-08: प्रधानमंत्री के खास सहयोगी सतिंदर लांबा और तारिक अजीज के बीच बातचीत हुई और कुछ राजनैतिक समझौते भी हुए। हालांकि, इसके बाद पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बन गया और कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जा सके।
- 2010-13: सतिंदर लांबा और पाकिस्तान की तरफ से प्रतिनिधि नियुक्त रियाज मोहम्मद खान के बीच 6 मीटिंग हुई। खान ने पीपीपी की ओर से 2007 की डील के लिए अपनी प्रतिबद्धता बताई।
- 2013-14: सतिंदर लांबा और पाकिस्तानी सरकार के प्रतिनिधि शहरयार खान के बीच कुछ मुलाकातें हुईं, लेकिन भारत में लोकसभा चुनावों के कारण कोई बड़ा फैसला नहीं हो सका। बिजनसमैन सज्जन जिंदल और नवाज शरीफ के बीच कुछ मुलाकात होने और पिछले रास्ते से बातचीत की खबरें आईं, लेकिन दोनों ही सरकारों ने इसकी पुष्टि नहीं की।
- 2018: पूर्व भारतीय राजनयिक विवेक काटजू और राकेश सूद ने पूर्व पाक विदेश मंत्री इनाम-उल-हक के बीच इस्लामाबाद में मुलाकात हुई।