भारत बंद: सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी, कई राज्यों में हिंसा, उज्जैन में पेट्रोल पंप पर तोड़फोड

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नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर कांग्रेस द्वारा बुलाए गए भारत बंद का देशभर में व्यापक असर नजर आया है। सोमवार सुबह से ही कई राज्यों में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन करने लगे। बंद के दौरान कुछ राज्यों में हिंसा की खबरें भी हैं और इनमें बिहार के अलावा महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश शामिल है जहां प्रदर्शनकारियों ने उग्र रूप धारण कर लिया।
India closed: protesters descending on the streets, violence in many states, breakdown on petrol pump in Ujjain
बिहार में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी वहीं मुंबई में मनसे कार्यकतार्ओं ने जबनर दुकानें बंद करवाईं। मध्यप्रदेश के उज्जैन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल पंप पर तोड़फोड़ की है। बंद के दौरान कांग्रेस सड़क पर उतरी है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के कई बड़े नेताओं ने महात्मा गांधी की समाधि से मार्च करते हुए रामलीला पहुंचकर धरना दिया। इस धरने में सोनिया गांधी के अलावा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह भी शामिल हुए।

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राजघाट पहुंचे। यहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और इसके बाद 9 बजे से मार्च होगा। राहुल ने इस दौरान महात्मा गांधी की समाधि पर कैलाश मानसरोवर से लाया जल भी चढ़ाया। इस मार्च में पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी व अन्य नेता शामिल हैं। सोमवार सुबह से ही कई राज्यों में विभिन्न दलों के कार्यकर्ता सड़कों पर तेल की कीमतों का विरोध करने उतरे। भुवनेश्वर में जहां पूरी तरह से बंद नजर आया वहीं आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में सीपीएम कार्यकतार्ओं ने जाम लगा दिया।

कांग्रेस ने लोगों से शांतिपूर्ण बंद की अपील की है। बंद सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक रखा गया है। उधर, राजस्थान सरकार ने कांग्रेस के बंद से एक दिन पहले तेल के दाम ढाई रुपए प्रति लीटर घटा दिए। बंद को द्रमुक, राकांपा, राजद, सपा और एमएनएस सहित देश की करीब 20 छोटी-बड़ी विपक्षी पार्टियों के समर्थन का दावा भी किया है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस, आप व बीजद ने बंद से अपने को अलग रखा है।

20 दलों का समर्थन वरिष्ठ नेता
अजय माकन ने कहा कि बंद को 20 दलों का समर्थन है। राकांपा प्रमुख शरद पवार, द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन व वाम नेताओं ने बंद का खुला समर्थन किया है। केंद्र ने 11 लाख करोड़ कमाएकांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि केंद्र ने पिछले चार साल में 11 लाख करोड़ रुपए कमाए हैं। चार साल में पेट्रोल पर 211.7 फीसदी और डीजल पर 443 फीसदी एक्साइज ड्यूटी बढ़ी है। मई 2014 में पेट्रोल पर 9.2 रुपए एक्साइज लगता था और अब 19.48 रुपए लगता है। वहीं मई 2014 में डीजल पर 3.46 रुपए एक्साइज था, जबकि अब 15.33 रुपए लगता है।

बंद का रास्ता ठीक नहीं : तृणमूल
ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि बढ़ी कीमतों को लेकर उनका विरोध तो है, लेकिन बंद का रास्ता ठीक नहीं है, इससे लोगों को परेशानी होती है। वहीं ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजद ने भी तेल मूल्यवृद्धि का विरोध किया, लेकिन बंद का समर्थन नहीं किया।