भारत को UN में स्थायी सदस्यता दिए जाने की सख्त जरूरत: फ्रांस

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पेरिस।

फ्रांस ने भारत समेत जर्मनी, ब्राजील और जापान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सदस्यता दिलाने पर जोर दिया। फ्रांस के राजदूत फ्रांसुआ डेलातर ने यूएन में कहा कि इन सभी देशों को स्थायी सदस्यता दिए जाने की सख्त जरूरत है, जिससे ये देश अपनी स्थिति को रणनीतिक रूप से सुधार सकें। संयुक्त राष्ट्र में इन देशों को सदस्यता दिलाना फ्रांस की प्राथमिकताओं में से एक है। राजदूत ने कहा कि भारत इस पद के लिए मजबूत दावेदार है। उसने कई चुनौतियों का सामने रहकर और डटकर सामना किया है।

डेलातर ने पिछले सप्ताह मीडिया से कहा था, ‘‘फ्रांस और जर्मनी के पास मजबूत नीति है। यह दोनों देश मिलकर यूएन के विकास के लिए काम करते हैं। यूएन के विकास के लिए जर्मनी को स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए, ताकि हम दुनिया को बेहतर ढंग से दर्शाने का काम कर सकें। हम इसे बेहद जरूरी समझते हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत भी यूएन के सिक्युरिटी काउंसिल में लंबे समय से स्थायी सदस्यता हासिल करने की कोशिश कर रहा है। सही मायने में वह इसका हकदार भी है।

‘‘यूएन में सदस्य देशों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए’’

यूएन में भारत का स्थायी प्रतिनिधित्व राजदूत सयैद अकबरुद्दीन कर रहे हैं। इस साल यूएन की सदस्यता में समानता के प्रतिनिधित्व और वृद्धि के सवाल पर प्लेनरी की अनौपचारिक बैठक हुई थी। इस बैठक में अकबरुद्दीन ने भारत की ओर से स्थायी सदस्यता को लेकर बात रखी थी। अकबरुद्दीन ने कहा था कि 90 प्रतिशत से ज्यादा आवेदकों का मानना है कि यूएन में सदस्य देशों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।

फ्रांस ने कहा- जर्मनी, जापान और भारत का उचित प्रतिनिधित्व जरूरी

डेलातर के मुताबिक, फ्रांस का मानना है कि कुछ प्रमुख सदस्यों को जोड़ने के साथ यूएन को विस्तृत बनाना ‘‘हमारी रणनीतिक प्राथमिकताओं में से एक है।’’ डेलातर ने कहा कि फ्रांस भी यह मानता है कि यूएन में निष्पक्ष प्रतिनिधित्व के लिए जर्मनी, जापान, भारत, ब्राजील और खासतौर पर अफ्रीका का उचित प्रतिनिधित्व जरूरी है। हमारे लिए भी यह प्राथमिकता है।