संयुक्त राष्ट्र। भारत ने बार-बार कश्मीर राग अलापने वाले पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में खरी-खोटी सुनाई है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘मैं पाकिस्तान को याद दिलाना चाहता हूं कि स्थिर समाधान के लिए सोच में शांतिप्रद इरादा और ऐक्शन में शांतिप्रद कॉन्टेंट का होना जरूरी है।’ पाक के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अलग-थलग पड़े डेलिगेशन ने भारत के अभिन्न हिस्से का बार-बार अनुचित जिक्र किया है।
India reacts to Pak again after unleashing Kashmir rage
पाकिस्तान में बनी नई सरकार के लिहाज से भारत का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं। कश्मीर का नाम लिए बगैर अकबरुद्दीन ने कहा कि एक असफल अप्रोच को बार-बार अपनाना (जो काफी समय पहले ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा खारिज किया जा चुका है) न तो शांतिप्रद इरादे को और न ही शांतिप्रद कॉन्टेंट को जाहिर करता है।
उन्होंने आगे कहा कि हम पाकिस्तान की नई सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह वाद-विवाद में फंसे बिना सुरक्षित, स्थिर और विकसित दक्षिण एशियाई क्षेत्र का निर्माण करने के लिए सकारात्मक रूप से काम करेगी। भारतीय प्रतिनिधि ने पड़ोसी मुल्क से क्षेत्र को आतंकवाद और हिंसा से मुक्त करने की दिशा में काम करने की भी उम्मीद जताई।
दरअसल, पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के चलते भारत में आए दिन घुसपैठ और आतंकी वारदातें होती रहती हैं। ऐसे में भारत ने साफ कहा है कि आतंक और बातचीत दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते हैं। उधर, पाकिस्तान की एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा है कि इमरान खान की सरकार कश्मीर मुद्दे के हल के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर रही है।
मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने एक टीवी कार्यक्रम में यह बात कही। हालांकि उन्होंने इस प्रस्ताव का विवरण नहीं दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को ऐसे समय में नसीहत दी है जब इस्लामाबाद में सिंधु जल संधि के विभिन्न पहलुओं पर द्विपक्षीय वार्ता चल रही है। इमरान खान के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद यह भारत और पाकिस्तान में पहली बातचीत है।