भारत ने लिया बदला, हार सुनिश्चित करने यूएन में मालदीव के खिलाफ की वोटिंग

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नई दिल्ली । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सीट के लिए हाल में हुए चुनाव में क्या भारत ने मालदीव या इंडोनेशिया के लिए वोट किया था? अब इसका जवाब मिल गया है। मालदीव लगातार भारत के समर्थन का दावा करता रहा पर कहा जा रहा है कि सरकार ने उसके खिलाफ वोट किया। राजनयिक सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स आॅफ इंडिया को बताया कि भारत ने न केवल इंडोनेशिया के पक्ष में वोट किया बल्कि यह सुनिश्चित भी किया कि हिंद महासागर में उसके पड़ोसी मालदीव का चुनाव में प्रदर्शन फीका रहे।
India takes revenge, defeats voting against the Maldives in the UN
आखिरकार एशिया-प्रशांत सीट के लिए इंडोनेशिया ने मालदीव को पीछे छोड़ते हुए बड़े अंतर से जीत दर्ज की। 8 जून को हुए चुनाव में मालदीव को केवल 46 देशों का समर्थन मिला जबकि इंडोनेशिया को 144 देशों का साथ मिला। विस्तृत जानकारी से पता चलता है कि भारत ने न सिर्फ मालदीव के खिलाफ वोट किया बल्कि यह सुनिश्चित भी किया कि छोटे द्वीपीय देशों का उसका बेस भी कमजोर हो जाए। इसका असर यह हुआ कि मालदीव की अंतिम टैली उसकी उम्मीदों से भी काफी नीचे रही।

कई देशों ने मालदीव को सिर्फ इसलिए वोट नहीं किया क्योंकि भारत ने इंडोनेशिया को समर्थन देने के संकेत दे दिए थे। हालांकि एक समय मालदीव ने दावा किया था उसे 60 देशों का लिखित में समर्थन हासिल है जबकि 30 से ज्यादा देशों ने मौखिक तौर पर वोट देने की बात कही है।

भारत ने भी पहले मालदीव को समर्थन देने की बात कही थी लेकिन यह कदम मालदीव के खिलाफ पहली दंडात्मक कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के समय में मालदीव हिंद महासागर में भारत के सुरक्षा हितों के खिलाफ काम कर रहा है। मालदीव के कुछ फैसले भी भारत को नागवार गुजरे। भारत द्वारा गिफ्ट किए गए दो हेलिकॉप्टरों को मालदीव ने जून के आखिर तक वापस लेने को कहा है। इसके साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि भारतीयों के लिए वर्क परमिट्स को रोक दिया जाए।
भारत में मालदीव के राजदूत अहमद मोहम्मद लगातार भारत के समर्थन का दावा करते रहे।

उन्होंने टाइम्स आॅफ इंडिया से कहा था कि भारत ने मालदीव को लिखित तौर पर समर्थन देने का आश्वासन दिया है। उधर, वोटिंग से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जकार्ता यात्रा के दौरान इंडोनेशिया ने भारत से समर्थन मांगा था। पिछले हफ्ते भारत ने मालदीव के राजनीतिक हालात पर चुप्पी तोड़ते हुए बिना सुनवाई के राजनीतिक कैदियों को सजा देने के लिए यामीन सरकार पर निशाना साधा था।