नई दिल्ली। अगले साल जनवरी तक भारत हिंद महासागर में खुद को सक्षम बना लेगा। भारत हर 30 सेकेंड में उन विमानों की मौजूदगी की सटीक जानकारी देने के काबिल बन जाएगा जो विशाल हिंद महासागर या उसके द्वारा प्रशासित क्षेत्र में उड़ रहे होंगे। इसके लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने अमेरिकी कंपनी एयरॉन के साथ साझेदारी की है। एयरॉन के साझेदार अंतरिक्ष स्थित ग्लोबल एयर ट्रैफिक सर्विलांस सिस्टम उपलब्ध कराते हैं। जमीन पर आॅटोमैटिक डिपेनडेंट सर्विलांस ब्रॉडकास्ट (एडीएस-बी) सिस्टम कुछ सेकेंड बाद ग्राउंड-आधारित रिसीवर्स को विमान की लोकेशन के बारे में बताते हैं। भारत के पास ऐसे 30 रिसिवर्स हैं जो एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) के निगरानी सिस्टम से जुड़े हुए हैं और उन्हें विमानों की सटीक पोजिशन का डाटा भेजते हैं।
मगर विशाल समुद्र की बात करें तो एटीसी निगरानी सिस्टम को सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है। एएआआई के मुखिया और एयर नेविगेशन सर्विसेज के सदस्य विनीत गुलाटी ने कहा, ‘अगले साल जनवरी से एडीएस-बी सिस्टम एयरॉन की उपग्रह प्रणाली के जरिए हर तीस सेकेंड में विमानों की सटीक जानकारी मिलेगी। जिसके बाद यह डाटा रीयल टाइम में एटीसी के पास पहुंच जाएगा।’
उन्होंने आगे कहा, ‘इससे हमें पता चल जाएगा कि समुद्र के ऊपर किस स्थान पर विमान उड़ रहा है। हम जिस हवाई क्षेत्र की निगरानी करते हैं वहां इस सिस्टम को रोल आउट कर देंगे और एयरलाइंस को यहां मुफ्त में उड़ान भरने देंगे। इससे भारतीय एटीसी द्वारा दी जाने वाली सेवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।’