भारत की अर्थ व्यवस्था लौट रही पटरी पर, नोटबंदी का असर हुआ कम: विश्व बैंक

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नई दिल्ली। विश्वबैंक ने कहा है कि देश में नोटबंदी और जीएसटी के कारण धीमी चल रही आर्थिक विकास की गति अब पटरी पर लौटने लगी है। विश्वबैंक ने उम्मीद जताई है कि साल 2018 में जीडीपी 7.3 फीसदी के करीब रहेगी।

वर्ष 2019-20 और 2020-21 में अर्थव्यवस्था की विकास दर 7।5 फीसदी के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है। विश्व बैंक ने साउथ एशिया इकोनॉमिक फोकस रिपोर्ट में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में हो रहे सुधार के कारण इस क्षेत्र ने दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्र का दर्जा हासिल कर लिया है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में आर्थिक विकास दर 2017 में 6.7 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 7.3 प्रतिशत होने की उम्मीद है। निजी निवेश और निजी खपत में सुधार से इसके निरंतर आगे बढ़ने की उम्मीद है। अनुमान है कि देश की वृद्धि दर 2019-20 और 2020-21 में बढ़कर 7।5 प्रतिशत हो जाएगी। भारत को वैश्विक वृद्धि का फायदा उठाने के लिए निवेश और निर्यात बढ़ाने का सुझाव दिया है।

विश्वबैंक ने इस बात की पुष्टि की है कि जीएसटी लागू होने से भारत में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई थीं और इसका नकारात्मक असर पड़ा था। अर्थव्यवस्था अब इससे उबर चुकी है और यह वित्तवर्ष 2019 में विकास दर को 7।4 फीसदी तक पहुंचाने में सहायक होगी।