न्यू यॉर्क/वॉशिंगटन। स्टेट पॉलिसी के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करने वाले पाकिस्तान को शुक्रवार को दोहरा झटका लगा। एक तरफ संयुक्त राष्ट्र ने टेरर फंडिंग के खिलाफ एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है तो दूसरी तरफ अमेरिकी सांसद स्कॉट पेरी ने संसद में पाकिस्तान के खिलाफ प्रस्ताव लाया है, जिसमें आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की मांग की गई है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में टेरर फंडिंग पर कारगर रोक लगाने और इसके लिए मानक तय करने की दिशा में फाइनैंशनल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) को बड़ी भूमिका सौंपने संबंधी प्रस्ताव का स्वागत किया है। प्रस्ताव का समर्थन करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने शुक्रवार को बिना नाम लिए पाकिस्तान पर करारा हमला बोला और उसे बार-बार अपराध कराने वाला बताया।
पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए अकबरुद्दीन ने कहा कि कुछ देश जो आतंकवादियों का समर्थन करते हैं, वे अपनी करतूतों का बचाव करने के लिए और कार्रवाई नहीं करने के लिए लिए बहाना गढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘सीरियल ऑफेंडर’ आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं। सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए बेचैन है। उन्होंने टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए प्रस्ताव को सख्ती से लागू करने की मांग की। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल आतंकी संगठनों को प्रतिबंधों के बावजूद फंड और हथियार मिलने पर चिंता जताई। उनका इशारा जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की तरफ था।
बता दें कि FATF ने समीक्षा के बाद टेरर फंडिंग को लेकर पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा किया है। ऐसी संभावना है कि पाकिस्तान को प्रतिबंधों को सामना करना पड़ सकता है और उसे ग्रे लिस्ट यानी निगरानी वाले देशों की सूची में डाला जा सकता है।
दूसरी तरफ, अमेरिकी सांसद स्कॉट पेरी ने संसद में पाकिस्तान के खिलाफ प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव में पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की गई है और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को खत्म करने की मांग की गई है। प्रस्ताव में पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पनाह देने का दोषी बताया गया है। यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में रिपब्लिकन सांसद स्कॉट पेरी द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव में पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की गई है, जिसे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने अंजाम दिया था। 14 फरवरी को हुए हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। प्रस्ताव को पेश करने के बाद पेरी ने कहा, ‘बहुत हो चुका। अब पाकिस्तान सरकार को जवाबदेह ठहराने का वक्त आ चुका है।’