अंतरिम बजट बनाने की तैयारी में जुटा वित्त विभाग, मंत्रालयों को बजट का पैसा खर्च करने के निर्देश

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नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने दूसरे मंत्रालयों और विभागों से कहा है कि उन्हें बजट के मुताबिक जो पैसा दिया गया है, वे उसे खर्च करते रहें। वित्त मंत्रालय इस बीच वित्त वर्ष 2020 के लिए अंतरिम बजट बनाने की तैयारी में जुट गया है। इससे पता चलता है कि सरकार की आमदनी और खर्च को लेकर वह सहज महसूस कर रहा है, जबकि अक्टूबर में ही फिस्कल डेफिसिट बजट अनुमान से अधिक हो गया था। सरकार ने वित्त वर्ष 2019 के लिए फिस्कल डेफिसिट टारगेट जीडीपी का 3.3 पर्सेंट रखा है। इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएगी, लेकिन केंद्र ने हाल ही में दावा किया था कि वह इस टारगेट को हासिल करेगा।
Instructions for the finance department, the ministries involved in preparing the interim budget, to spend the budget
इस मामले में चल रही बातचीत से वाकिफ एक अधिकारी ने बताया, ‘मंत्रालयों से कहा गया है कि उन्हें जो पैसा मिला है, वे उसे खर्च करें। खर्च को रोकने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है।’ वित्त वर्ष 2019 के बजट में 6.24 लाख करोड़ फिस्कल डेफिसिट रहने का अनुमान लगाया गया है, जो जीडीपी का 3.3 पर्सेंट है। हालांकि, वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में फिस्कल डेफिसिट 6.49 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो इसके अनुमान का 103.9 पर्सेंट है। पिछले साल इसी वक्त फिस्कल डेफिसिट अनुमान का 96.1 पर्सेंट था। वित्त वर्ष 2018 में सरकार ने जीडीपी के 3.2 पर्सेंट फिस्कल डेफिसिट का लक्ष्य रखा था, जबकि आखिर में यह 3.5 पर्सेंट रहा था।

रेटिंग एजेंसी इक्रा की प्रिंसिपल इकनॉमिस्ट अदिति नायर ने बताया, ‘इस तरह की चिंता जताई गई है कि इस साल भी फिस्कल डेफिसिट का लक्ष्य हासिल नहीं हो पाएगा।’ उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस वित्त वर्ष की सब्सिडी के एक हिस्से को अगले वित्त वर्ष में शिफ्ट या कुछ सेक्टर्स में कैपिटल एक्सपेंडिचर में कटौती नहीं करती तो फिस्कल डेफिसिट टारगेट हासिल करने में मुश्किल होगी। इंडिया रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2019 में फिस्कल डेफिसिट के जीडीपी के 3.5 पर्सेंट रहने का अनुमान लगाया है।

हालांकि, अभी तक सरकार जिस तरह से पैसा खर्च कर रही है, उसे देखकर लगता है कि वह फिस्कल डेफिसिट को लेकर कंफर्टेबल है। जब भी फिस्कल डेफिसिट टारगेट को लेकर सरकारें मुश्किल में होती हैं, तो वे सबसे पहले कैपिटल स्पेंडिंग में कटौती करती हैं। हालांकि, इस वित्त वर्ष में अक्टूबर तक बजट अनुमान का 59 पर्सेंट कैपिटल एक्सपेंडिचर हुआ था, जो साल भर पहले की इसी अवधि में 51 पर्सेंट था। हालांकि, सरकार कुछ मंत्रालयों के बजट एलोकेशन में संशोधित अनुमान में कटौती कर सकती है क्योंकि वे धीमी रफ्तार से पैसा खर्च कर रहे हैं।

वॉटर रिसोर्सेज मिनिस्ट्री के लिए 9,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था, लेकिन अभी तक इसका 41 पर्सेंट ही खर्च किया गया है। फिस्कल मैनेजमेंट में सरकार को डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन से काफी उम्मीदें हैं, जबकि जीएसटी की वजह से उसके इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कुछ कमी आ सकती है।