नई दिल्ली
आईएनएक्स मीडिया के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी। शुक्रवार को जस्टिस सुरेश कैत ने कहा- इसमें कोई शक नहीं है कि जमानत लेना उनका अधिकार है, लेकिन ऐसे मामले में अगर जमानत दी जाती है तो यह बड़े पैमाने पर लोगों के हितों के खिलाफ होगा क्योंकि उन पर गंभीर आरोप हैं।
दरअसल, चिदंबरम पर आईएनएक्स मीडिया घोटाले में सक्रिय और मुख्य भूमिका निभाने का आरोप है। ईडी और सीबीआई अलग-अलग मामलों में उनके खिलाफ जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अक्टूबर को उन्हें सीबीआई वाले मामले में जमानत दे दी थी। मगर ईडी केस में जमानत मिलने के बाद ही वे जेल से बाहर आ सकेंगे। इससे पहले सीबीआई ने चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं।
ईडी ने चिदंबरम की जमानत का विरोध किया था
कोर्ट ने हाल ही में चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 27 नवम्बर तक बढ़ा दी थी। इस पर चिदंबरम के वकील ने कोर्ट से कहा था कि उन पर देश छोड़कर जाने, गवाहों को प्रभावित करने और साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने जैसे कोई आरोप नहीं हैं। ऐसे में उन्हें नियमित जमानत दी जानी चाहिए। ईडी ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया था। एजेंसी ने कोर्ट से कहा था कि चिदंबरम को अगर जमानत मिलती है, वे साक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं।