वॉट्सऐप से आईटी मंत्रालय ने मांगा जवाब, क्यों नही दी जासूसी की जानकारी

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नई दिल्ली


वॉट्सऐप के जरिए मोबाइल फोन का डेटा लीक होने को लेकर आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया ग्रुप से जवाब मांगा है। मंत्रालय ने पत्र लिखकर वॉट्सऐप से कहा है कि आखिर उसने स्पाईवेअर अटैक को लेकर जानकारी क्यों नहीं दी, जबकि यह मई में हुआ था। सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने फेसबुक के स्थानीय अधिकारियों से इस संबंध में जवाब मांगा है। बता दें कि वॉट्सऐप का स्वामित्व फेसबुक पर ही है।

यही नहीं मंत्रालय ने पूछा है कि आपके सीनियर अधिकारी विल कैथकार्ट और निक क्लेग इस साल जुलाई और सितंबर में भारत दौरे पर आए थे। लेकिन, उन्होंने स्पाईवेअर अटैक के बारे में भारतीय अथॉरिटीज को जानकारी क्यों नहीं दी। इसके अलावा सरकारी सूत्रों ने कहा कि वॉट्सऐप के जरिये दुनियाभर में सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा पत्रकारों की जासूसी के लिए जिम्मेदार सॉफ्टवेयर बनाने वाली इजरायली कंपनी एनएसओ के साथ सरकार का कोई ताल्लुक नहीं है।

सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा कि वॉट्सऐप ने जून से अब तक हुई कई दौर की बातचीत में एक बार भी पेगासस हैकिंग घटना का उल्लेख नहीं किया। इसे लेकर सरकार चिंतित है। उसने कहा कि सरकार दुर्भावनापूर्ण संदेशों की सामग्री के बजाय उसका स्रोत जानने पर जोर देगी। इसके अलावा सरकार जासूसी की घटना की विस्तार से जानकारी देने के लिए भी कहेगी। सरकार हैकिंग मामले के खुलासे के समय को लेकर भी सवाल कर रही है। यह इस कारण महत्वपूर्ण हो जाता है कि केंद्र सरकार ने देश में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के उपाय के लिए उच्चतम न्यायालय से तीन महीने का समय मांगा है।

सरकार ने वॉट्सऐप से 4 नवंबर तक मांगा जवाब

सरकार ने कंपनी को चार नवंबर तक जवाब देने को कहा है। जवाब मिलने के बाद सरकार आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लेगी। इजरायली कंपनी एनएसओ ने इस बीच कहा है कि वह अपनी प्रौद्योगिकी सिर्फ लाइसेंस प्राप्त सरकारी सतर्कता विभागों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को ही बेचती है। उसने कहा कि उसकी प्रौद्योगिकी आतंकवाद तथा गंभीर अपराधों से लड़ने के लिए है, न कि सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की जासूसी करने के लिए। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि एनएसओ ने भारत में किसे उक्त सॉफ्टवेयर मुहैया कराया और किसके कहने पर जासूसी की गई।

सरकार पक्ष नहीं, वॉट्सऐप और NSO के बीच विवाद
सरकारी सूत्र ने कहा कि सरकार और एनएसओ के बीच कोई मामला नहीं है। यह वॉट्सऐप और एनएसओ की लड़ाई है। सरकार सिर्फ इस कारण चिंतित है कि जासूसी का शिकार हुए लोगों में भारतीय नाम भी शामिल हैं। वॉट्सऐप के दुनिया भर में डेढ़ अरब से ज्यादा यूजर्स हैं। इसमें सिर्फ भारत से ही करीब 40 करोड़ यूजर हैं। वॉट्सऐप इससे पहले भी फर्जी खबरों के प्रसार को लेकर सरकार के निशाने पर रह चुकी है। इस बीच वॉट्सऐप ने शुक्रवार को कहा कि उसने हैकिंग मामले में ठोस कदम उठाया है और वह सभी नागरिकों की निजता की सुरक्षा की जरूरत पर भारत सरकार का समर्थन करती है।