जबलपुर हवाला कांड के तार भोपाल से जुड़े

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TIO BHOPAL

RPF की जबलपुर पोस्ट ने शनिवार 3 जुलाई को हवाला के 50 लाख 94 हजार रुपए जब्त किए। अब इसकी जांच आयकर विभाग कर रही है। प्रारंभिक छानबीन में भोपाल और सतना के दो कारोबारियों का नाम सामने आए हैं। भोपाल का कारोबारी जहां दवा व्यवसायी है, वहीं सतना के कारोबारी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं आई है। गिरफ्त में आए राजेश पाल के पास से मिले मोबाइल नम्बरों के आधार पर मामले की जांच चल रही है।

आयकर विभाग की जांच में सामने आया कि भोपाल निवासी चेतन जसवानी ने ही ढाई हजार प्रति ट्रिप का लालच देकर राजेश पाल को पैसे लेने जबलपुर भेजा था। चेतन दवा कारोबार से जुड़ा है। वहीं राजेश को जबलपुर स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर छह के बाहर बैग देने वाला सतना निवासी सुदामा है। सुदामा सतना से पैसे लेकर जबलपुर आया था। भोपाल से चेतन लगातार राजेश को मोबाइल पर गाइड कर रहा था।

चेतन जसवानी के मोबाइल CDR में पूरा नेटवर्क

अब आयकर विभाग राजेश के पास मिले चेतन के मोबाइल नंबर के आधार पर जांच में जुटी है, हालांकि राजेश के पकड़े जाने के बाद से ही चेतन का मोबाइल बंद है। जबलपुर आयकर विभाग ने मामले में भोपाल आयकर विभाग को इनपुट उपलब्ध कराए हैं, वहां की टीम चेतन तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है। इधर, एक टीम रविवार को सतना भी गई थी। वहां सुदामा के बारे में पता लगाया जा रहा है। चेतन के मोबाइल नंबर का CDR लेकर आयकर विभाग इस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है।

CCTV कैमरे में राजेश की गतिविधियां हुई थीं कैद

RPF के सीनियर DSC अरुण त्रिपाठी के मुताबिक, स्टेशन पर लगे CCTV कैमरों में राजेश पाल की गतिविधियां कैद हुई थी। राजेश शनिवार की सुबह श्रीधाम एक्सप्रेस से जबलपुर पहुंचा था। इसके बाद वह दोपहर तक स्टेशन के ही अलग-अलग प्लेटफार्म पर घूमता रहा। दोपहर में वह प्लेटफार्म नंबर 6 के बाहर निकला। तब उसके पास कोई सामान नहीं था। कुछ देर बाद लौटा तो उसके पास पिट्‌ठू बैग था। इसे लेकर CCTV कैमरे के कंट्रोल रूम में बैठे जवानों ने RPF पोस्ट के SI आरके चाहर को खबर दी।

सोमनाथ एक्सप्रेस में सवार हुआ था आरोपी

राजेश सोमनाथ एक्सप्रेस (01464) के बी-2 कोच में एक नंबर सीट पर सवार हुआ था। RPF टीम ने उसके पिट्‌ठू बैग की तलाशी ली, तो 50.94 लाख रुपए मिले। पैसों के बारे में वह कोई जवाब नहीं दे पाया। उसके पास कोई दस्तावेज भी नहीं थे। RPF पोस्ट ले जाकर टीम ने पूछताछ की तो उसने बताया कि वह पेंट-पुट्‌टी का काम करता है। एक महीने पहले वह भाेपाल में वह चेतन जसवानी के यहां काम करने गया था। वहां चेतन ने उसे एक शहर से दूसरे शहर तक पैसे का बैग पहुंचाने के एवज में ढाई हजार रुपए का लालच दिया। तब से वह यह काम कर रहा था। अब इस मामले की जांच आयकर विभाग कर रहा है।

जबलपुर में गहरी है हवाला की जड़ें

  • 15 नवम्बर 2018 को करमचंद चौक कॉफी हाउस के सामने की गली में पंचू गोस्वामी की शॉप पर छापा मारकर आयकर विभाग ने 65 लाख रुपए जब्त किए।
  • 5 जनवरी 2019 को विजय नगर में रितेश कुमार के घर पर छापेमारी में 50 लाख रुपए जब्त किए गए।
  • 3 अप्रैल 2019 को शांतिनगर निवासी खूबचंद लालवानी के घर से 1 करोड़ रुपए जब्त किए गए।
  • 13 जून 2020 को GRP ने गुजरात के व्यापारी पत्थूजी और संजय कुमार को जबलपुर-बांद्रा सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन में 21 लाख 11 हजार रुपए के साथ पकड़ा।
  • 2 अक्टूबर को GRP ने पाटलिपुत्र एक्सप्रेस से 1.27 करोड़ रुपए और 6 किलो चांदी के जेवरों के साथ थानाराम चौधरी को गिरफ्तार किया था।
  • 23 अक्टूबर 2020 को गोंडवाना एक्सप्रेस से दिल्ली जा रहे दीपक अहिरवार के पास से GRP ने 4 लाख 50 हजार रुपए जब्त किए।
  • 25 अक्टूबर 2020 को महानगरी एक्सप्रेस से मुंबई जा रहे अशोक कुमार से GRP ने 1 करोड़ रुपए जब्त किए।
  • 29 नवम्बर 2020 को महानगरी एक्सप्रेस से 50 लाख रुपए लेकर मुंबई जा रही मुस्कान को RPF ने पकड़ा।
  • 9 दिसंबर 2020 को RPF ने असलम नाम के युवक को 25 लाख रुपए के साथ पकड़ा था।
  • 24 दिसंबर को GRP ने मिलौनीगंज निवासी वीरेंद्र चौबे 35 लाख 60 हजार रुपए के साथ दबोचा था।
  • 11 मार्च 2021 को RPF ने सराफा निवासी अनिल सोनी 11 लाख रुपए के साथ पकड़ा था।

टैक्स बचाने का खेल, हवाला के जरिए नकद लेन-देन

नोटबंदी और GST लागू होने के बाद से हवाला कारोबार में तेजी आई है। कोरोना के बाद इसमें और उछाल आया है। सूत्रों की मानें तो तीन प्रतिशत वाले इस गोरखधंधे में सात प्रतिशत तक मुनाफा हो रहा है। यही कारण है कि हवाला कारोबारी रकम पहुंचाने के लिए अलग-अलग पैंतरे अपना रहे हैं। अलग-अलग युवक-युवतियों को भोपाल, मुम्बई, दिल्ली, गुजरात जैसे शहरों में हवाला की रकम लेकर भेजा जाता है।

​​​​आयकर विभाग करता है जांच, आज तक किसी को नहीं दिला पाया सजा

हवाला कारोबार के मामलों में आयकर विभाग मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच करता है। आयकर विभाग फर्स्ट से लास्ट पर्सन के आय के सभी स्रोतों की जांच करता है। रकम पर दावा करने वालों के एक्सपोज होने पर उनसे आयकर अधिनियमों के तहत ब्याज और जुर्माने के साथ टैक्स वसूला जाता है। ज्यादातर मामले टैक्स और जुर्माना वसूली के साथ निपटा लिए जाते हैं। रकम पर दावा नहीं होने की सूरत में रकम राजसात करके सरकारी खजाने में जमा करा दी जाती है। हवाला के प्रकरणों में जांच के बाद सजा का भी प्रावधान है, लेकिन अभी तक एक भी मामले में किसी को सजा नहीं हुई है।