पेपर लीक न हो जैसी घटनाओं से बचने जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने इजाद की नई तकनीक

0
514

जबलपुर। प्रदेश में व्यापमं जैसे बड़े घोटाले के बाद भी सरकार पेपर लीक जैसी समस्याओं से अभी भी नहीं उबर पा रही है। ऐसे ही घोटालों को देखते हुए जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने एक नया सिक्योरिटी साफ्टवेयर तैयार है। इस नए साफ्टवेयर से पेपर लीक जैसी घटनाओं से निजात मिल सकती है।

मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने परीक्षा में धांधली का सबसे बड़ा कारण प्रश्न पत्र के लीक होने को बताया है। जिसे रोकने के लिए विश्वविद्यालय ने अपना एक सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर सिस्टम डेवलप किया है। इस सॉफ्टवेयर में परीक्षाओं के तीन सेट्स के प्रश्नपत्रों की सॉफ्ट कॉपी रखी जाएगी और परीक्षा केन्द्रों में परीक्षा शुरू होने के कुछ घंटे पहले ही विश्वविद्यालय के कंट्रोल रूम से इन प्रश्नपत्रों को आॅनलाइन भेजा जाएगा।

मध्यप्रदेश में व्यापमं घोटाला उजगार होने के बाद मेडिकल परीक्षाओं को निष्पक्ष और सुरक्षित तरीके से सम्पन्न कराने की बड़ी चुनौती से जूझ रही प्रदेश की मेडिकल यूनिवर्सिटी ने परीक्षाओं के पेपर लीक होने जैसी घटनाओं से बचने के लिए एक नई तकनीक इजाद की है।

इस तकनीक की खास बात ये है कि परीक्षा केंद्र में भेजे जाने वाले प्रश्न पत्रों का लिंक विशेष कोड से लॉक होगा। परीक्षा केंद्र के केंद्र अध्यक्ष को उस विशेष कोड की जानकारी परीक्षा से पहले ही दी जायेगी। जितने छात्र परीक्षा में शामिल होंगे, केंद्र अध्यक्ष उतने ही प्रश्न पत्र के प्रिंट ले सकेगें। परीक्षा में शामिल छात्रों की संख्या से ज्यादा प्रश्न-पत्र के प्रिंट निकाले जाने पर सिस्टम तत्काल कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दे देगा। इस तकनीक के जरिये किस व्यक्ति और किस स्थान से पेपर लीक किया गया है, तत्काल ही इसका पता लगाया जा सकेगा।

इस नई सुरक्षा तकनीक से जहां प्रिंटिंग से लेकर परिवहन का खर्च बचेगा वहीं कम लोगों की मदद से निष्पक्ष और सुरक्षित परीक्षाएं सम्पन्न कराई जा सकेंगी। इस सिस्टम की वजह से पेपरों को पहले से प्रिंट कराने की जरूरत भी नहीं होगी। साथ ही इस पूरी प्रक्रिया में गिने-चुने लोग ही शामिल होंगे, जिन्हें कोड की जानकारी अंतिम समय में दी जायेगी।

जिस व्यक्ति को कोड की जानकारी दी जायेगी उसे ही किसी भी गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार माना जाएगा।  इस सिस्टम को विकसित किए जाने पर मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के वाइस चांसलर का कहना है कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। जिस तकनीक के इस्तेमाल से फ्रॉड किये जा सकते हैं, उसी तकनीक के जरिये सुरक्षा भी की जा सकती है।