आदिवासी बहुल इलाके में जयस की जड़ें हुई मजबूत, सपाक्स में भी नहीं है कम

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थांदला। जयस की जड़ें आदिवासी बहुल जिले में कितनी गहरी है, इतने कम समय में जड़ें इतनी गहराई तक कैसे पहुंच गईं, इनके पोषक तत्व कौन हैं। जयस से जुड़े ऐसे कई प्रश्न और राजनीतिक व गैर राजनीतिक चेहरे इस समय यहां काफी महत्वपूर्ण हो गए हैं। दोनों प्रमुख दलों भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की प्रत्याशी चयन प्रकिया भी न केवल इनके आसपास मंडरा रही है, बल्कि सपाक्स जैसे मैदान के बाहर वाले दलों की गतिविधियों पर भी राजनीतिक दल नजरे गढ़ाए हैं।
Jaisa’s roots in tribal-dominated areas are not strong, even in Saxaks
चूंकि जिले की सभी विधानसभा सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इसलिए सपाक्स के लिए यहां सीधे मैदान में उतरने की कोई संभावना नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि सपाक्स से जुड़े मतदाताओं की संख्या मैदान के बाहर से भी प्रभावित कर सकती है, लेकिन जयस के मामले में ऐसा नहीं है।

वह सीधे मैदान में उतरकर प्रमुख दलों को चुनौती पेश कर सकता है। हालांकि जयस और सपाक्स दोनों के यह ‘डेब्यू चुनाव हैं, लेकिन इस वर्ष के ‘विश्व आदिवासी दिवस पर जयस ने और एससी-एसटी एक्ट के विरोध में सपाक्स ने प्रदर्शन कर अपनी शक्ति का जो प्रदर्शन किया है, उससे न केवल राजनीतिक दलों को बल्कि राजनीतिक समीक्षकों को भी खूब चौंकाया है।

प्रत्याशियों को देखकर मतदान किया
काफी समय बीत जाने के बावजूद कांग्रेस और भाजपा अब भी उस दौर की राजनीतिक चोट को भूल नहीं पाए हैं। हालांकि मामाजी, जयस, सपाक्स के राजनीतिक उद्देश्यों की कोई तुलना नहीं जा सकती है। फिर भी यह सच्चाई तो अब दस्तावेजी तथ्य बन ही चुकी है कि इस जिले की सीटों पर बीते कम से कम तीन चुनावों के परिणाम प्रत्याशी चयन के नकारात्मक कारणों से जुड़े हुए हैं।

मतदाताओं ने राजनीतिक दलों द्वारा पेश किए गए प्रत्याशियों को देखकर मतदान किया और परिणाम सीटों के राजनीतिक इतिहास और आशा के विपरीत आए। प्रमुख राजनीतिक दलों के भय के प्रमुख कारण इसी के आसपास मौजूद हैं। जयस और सपाक्स की अंदरूनी स्थिति भी असमंजस में है। अगर उन्होंने मतदाताओं की भावनाओं के विपरीत उम्मीदवार उतार दिया या किसी को समर्थन दे दिया तो जयस, सपाक्स की हाल ही में तैयार की गई जमीन भी दरक सकती है। इसलिए कम से कम इस समय तो सभी की निगाहें इसी पर लगी हैं कि प्रत्याशी चयन में राजनीतिक दल अपनी क्षमताओं का कैसा प्रदर्शन करते हैं।