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फिल्मों के चलते-फिरते एनसाइक्लोपीडिया राजकुमार केसवानी जी नहीं रहे। अजीब विडंबना ही है कि व्यंग्यकार शरद जोशी जी के अभिन्न मित्र रहे केसवानीजी का देहावसान शरदजी के जन्मदिवस पर हुआ। आज 21 मई को शरद जोशी जी की जयंती थी। आज सुबह से हम शरद जी को श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे थे। लेकिन शाम होते-होते यह दुखद खबर आ गई। अपने मित्र के जन्मदिवस को ही केसवानी जी ने अपने पुण्य दिवस के तौर पर क्यों चुना, यह विधाता ही जाने…। उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति भी है। रामनवमीं के दिन वाट्सएप पर उनका जो अंतिम संदेश मिला था ‘ …..Don’t worry. We shall overcome’ तो उम्मीद बंधी थी कि उनके जैसा जीवट वाला व्यक्ति फिर से ‘आपस की बात’ करेगा…। लेकिन आज खत्म हो गई उम्मीद…। विनम्र श्रद्धांजलि….