नई दिल्ली
मौजूदा वित्त वर्ष (2019-20) की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी की विकास दर (ग्रोथ रेट) घटकर 5% रह गई है। यह 6 साल में सबसे कम है। इससे कम 4.3% जनवरी-मार्च 2013 में थी। पिछली तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में गिरावट का जीडीपी ग्रोथ पर ज्यादा असर हुआ। इस सेक्टर की ग्रोथ घटकर 0.6% रह गई। जनवरी-मार्च में 3.1% थी। सरकार ने शुक्रवार को जीडीपी के आंकड़े जारी किए।
पिछली 5 तिमाही में विकास दर
तिमाही | जीडीपी ग्रोथ रेट |
अप्रैल-जून 2018 | 8% |
जुलाई-सितंबर 2018 | 7% |
अक्टूबर-दिसंबर 2018 | 6.6% |
जनवरी-मार्च 2019 | 5.8% |
अप्रैल-जून 2019 | 5% |
किस सेक्टर में कितनी ग्रोथ?
सेक्टर | जनवरी-मार्च में ग्रोथ | अप्रैल-जून में ग्रोथ |
एग्रीकल्चर | 0.1% | 2% |
माइनिंग | 4.2% | 2.7% |
मैन्युफैक्चरिंग | 3.1% | 0.6% |
इलेक्ट्रिसिटी | 4.3% | 8.6% |
कंस्ट्रक्शन | 7.1% | 5.7% |
ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन | 6% | 7.1% |
फाइनेंशियल सर्विसेज | 9.5% | 5.9% |
पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन | 10.7% | 8.5% |
सरकार की स्थिति पर नजर: मुख्य आर्थिक सलाहकार
मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमणियन ने कहा है कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वजहों से ग्रोथ में गिरावट आई। आर्थिक विकास में तेजी के लिए सरकार लगातार कोशिशें कर रही है। जल्द ग्रोथ में सुधार होगा। हालात पर सरकार की नजर है। बैंकों के मर्जर समेत कई कदम उठाए जा रहे हैं।