थमने का नाम नहीं ले रहा जिन्ना का जिन्न, एएमयू पहुंचा विवाद, छात्रों के बीच झड़प

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नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुआ विवाद थमा नहीं था कि कुछ ऐसा ही दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में भी हो गया। यहां कुछ लोगों ने कथित तौर पर जिन्ना के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जामिया के छात्रों को निशाने पर लिया जिसके बाद कैंपस में तनाव पैदा हो गया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मंगलवार शाम करीब 25-30 लड़कों का एक झुंड हाथों में पोस्टर लिए जामिया मिलिया इस्लामिया के बाहर पहुंचा और नारेबाजी करने लगा।
Jinnah’s jinn, not taking the name of a stop, AMU dispute, a clash between students
छात्रों के मुताबिक, ये लोग एक राइट विंग के मेंबर थे। ये लोग अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगाए जाने का विरोध करते हुए ‘जिन्ना प्रेमी भारत छोड़ो’ और ‘हिंदुओं का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ के नारे लगा रहे थे। अपने ऊपर तरह-तरह के आरोप लगाए जाने पर जामिया के कुछ छात्र नाराज हो गए थे और गेट पर पहुंच गए थे। वहां दोनों खेमों के बीच बहस के साथ-साथ हाथापाई भी हुई थी।

हालांकि ये लोग बाहर रोड से ही नारेबाजी करते हुए निकल गए और यूनिवर्सिटी परिसर के अंदर दाखिल नहीं हो पाए, लेकिन इस घटना की वजह से थोड़ी देर के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया था। उस वक्त शाम के करीब 5.30 बजे थे और सेमेस्टर और एंट्रेंस टेस्ट चल रहा था।

बाहर से आए थे लोग
यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि नारेबाजी करनेवाले बाहरी लोग थे और केवल नारेबाजी करके चले गए थे। उनमें कोई भी यूनिवर्सिटी का छात्र नहीं था। छात्रों ने भी इस दौरान संयम बनाए रखा। इसी को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन इससे जुड़ी कोई पुलिस शिकायत नहीं कर रहा है। पुलिस अधिकारियों ने भी बताया के उनके मौके पर पहुंचने से पहले ही मामला शांत हो चुका था। हालांकि इस घटना का पता चलने के बाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स जरूर एक जगह इकट्ठा हो गए थे, लेकिन कुछ देर बाद वे भी वापस चले गए।

जामिया के कुछ लोग शामिल होने का दावा
जामिया के कुछ छात्रों का दावा है कि वहां पढ़नेवाले कुछ छात्र भी उस प्रदर्शन में शामिल थे। एक छात्र के मुताबिक, वहां पढ़नेवाला राहुल तिवारी नाम का छात्र प्रदर्शन में शामिल था। उसने कथित तौर पर फेसबुक पर यह भी लिखा था कि कैंपस में अगर उसे कोई जिन्ना का समर्थक मिला तो वह उसे पीटेगा। हालांकि, इसपर तिवारी की सफाई भी आ गई। तिवारी ने कहा कि उसने यह बात इसलिए कही थी कि उसे कैंपस में जिन्ना को कोई समर्थक मिलने की उम्मीद ही नहीं थी।