दीपिका छात्रों का समर्थन करने JNU पहुंचीं, भाजपा नेता ने उनका बहिष्कार करने को कहा

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TIO, नई दिल्ली/मुंबई

हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों का समर्थन करने बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण मंगलवार शाम जेएनयू कैंपस पहुंचीं। वे 10 मिनट तक छात्रों के साथ रहीं। हालांकि, दीपिका ने छात्रों को संबोधित नहीं किया। दरअसल, जिस समय दीपिका जेएनयू पहुंचीं थीं, उस वक्त कन्हैया कुमार भाषण दे रहे थे। इसके बाद भाजपा नेता तेजिन्दर पाल सिंह बग्गा ने छात्रों का समर्थन करने पर दीपिका का बहिष्कार करने की बात कही।

बग्गा ने ट्वीट में लिखा- टुकड़े-टुकड़े गैंग और अफजल गैंग का समर्थन करने पर, अगर आप दीपिका पादुकोण की फिल्मों का बहिष्कार करेंगे, तो रीट्वीट करें।

दीपिका के jnu में जाते से ही बीजेपी से जुड़े लोगों ने ट्रोल करना शुरू कर दिया है। अब यह ट्रोल कुछ दिन चलता रहेगा। लिख रहें हैं चलो छप्पाक को भी पब्लिसिटी मिल गई। वहीँ समर्थन में भी लिखने वाले लिख रहे हैं, फिल्मी दुनिया के कलाकारों का ज़मीर अभी ज़िंदा है सलाम पद्मावती, शुक्रिया दीपिका।

पुलिस ने कहा- 5 जनवरी की घटना पर एफआई दर्ज

रविवार को नकाबपोशों के कैंपस में घुसकर छात्रों-शिक्षकों के साथ मारपीट करने और हॉस्टल में तोड़फोड़ करने के 3 दिन बाद भी दिल्ली पुलिस किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई। पुलिस ने छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 19 लोगों पर केस दर्ज हुआ। वहीं, अर्थशास्त्री और जेएनयू के प्रोफेसर सीपी चंद्रशेखर ने यूनिवर्सिटी में बने हालात के चलते आर्थिक आंकड़ों की समीक्षा करने वाले सरकारी पैनल में पद से इस्तीफा दे दिया।

पिंकी चौधरी के बयान की जांच 

हिंदू रक्षा दल के नेता पिंकी चौधरी ने कहा- जेएनयू राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का केंद्र है। हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम जेएनयू में हमले की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं। हमलावर हमारे लोग थे। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पिंकी चौधरी ने जो बयान दिया, उसकी जांच जारी है। दिल्ली पुलिस ने इसका संज्ञान लिया है। जेएनयू में चेहरा छुपाकर आए लोगों की पहचान के लिए पुलिस वीडियो फुटेज और चेहरा पहचानने वाले सिस्टम की मदद ले रही है।

जेएनयू में 700 पुलिसकर्मी तैनात

यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार शाम इंडिया गेट पर मशाल रैली निकाली। तमिलनाडु में भी छात्रों ने कैंडल मार्च निकाला। कोलकाता में लेफ्ट और भाजपा समर्थक इसी मामले पर आमने-सामने आ गए। सुरक्षा के मद्देनजर जेएनयू में 700 पुलिसकर्मी तैनात किए गए। उत्तरी गेट पर एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने भी विरोध जताया। फिल्म जगत की हस्तियों ने भी छात्रों को अपना समर्थन दिया है।

अमित शाह से इस्तीफे की मांग की

मुंबई में पुलिस अधिकारी ने कहा- जेएनयू हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों की वजह से गेटवे ऑफ इंडिया के पास सड़क पर जाम लग गया था। हमने प्रदर्शनकारियों से आजाद मैदान जाने की अपील की थी, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। छात्रों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों समेत सैकड़ों लोग रविवार आधी रात से ही गेटवे ऑफ इंडिया पर जमा होकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।

आइशी ने इसे सुनियोजित हमला कहा

आइशी ने इसे सुनियोजित हमला बताया। बकौल आइशी आरएसएस से जुड़े कुछ प्रोफेसर हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं। छात्रसंघ के उपाध्यक्ष साकेत मून ने कहा- हमने पुलिस को दो घंटे पहले उन्हें सूचित किया था, लेकिन फिर भी कोई मदद नहीं मिली। वहीं, एबीवीपी ने आरोप लगाया कि हमले में लेफ्ट के लोग भी शामिल हैं। एबीवीपी सेक्रेटरी मनीष जांगिड़ ने दावा किया- हमलावरों का नेतृत्व जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष कर रही थी।

सचिव ने कहा- हमें पता चला कि हमलावर कावेरी हॉस्टल की तरफ आ रहे थे और मैं पेरियार हॉस्टल में अपने दोस्तों के साथ छिपा हुआ था। हॉस्टल में उन्होंने एबीवीपी से जुड़े छात्रों के कमरों पर हमला किया। कमरों में तोड़फोड़ की और जब मैं हॉस्टल के दूसरे विंग में गया तो उन्होंने मुझे तब तक लाठियों से पीटा, जब तक मैं बेहोश नहीं हो गया।

फीस बढ़ोतरी के खिलाफ हिंसा हुई थी

जेएनयू में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान रविवार रात हिंसा हुई थी। नकाबपोशों ने छात्र-शिक्षकों को डंडे और लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा। वे ढाई घंटे तक कैंपस में कोहराम मचाते रहे। हमले में छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई घायल हो गए। आइशी ने एबीवीपी पर हमले का आरोप लगाया और कहा कि नकाबपोश गुंडों ने मुझे बुरी तरह पीटा। करीब 35 लोग जख्मी हो गए। अब तक 23 घायलों को एम्स से छुट्टी मिल चुकी है।