वॉशिंगटन/रियाद । इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास में एक जानेमाने पत्रकार की हत्या को लेकर सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। उस दिन का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिससे हत्या के बाद भ्रम पैदा करने के लिए अपनाए गए तरीकों का पता चलता है। तारीख थी 2 अक्टूबर 2018, सुबह के 11.03 बजे शर्ट और जींस पहने एक शख्स अपने कुछ साथियों के साथ दूतावास में दाखिल होता है। 2 घंटे के बाद दोपहर 1.14 मिनट पर पत्रकार जमाल खशोगी कांसुलेट में प्रवेश करते हैं और कुछ ही मिनटों में दूतावास के भीतर खूनी खेल खेला जाता है।
Journalist Khagoshi’s death open with CCTV footage: Killer agents used the double body to mislead
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 2 अक्टूबर को सऊदी के वाणिज्यिक दूतावास के भीतर जाने के दो मिनट के बाद ही खशोगी पर हमला किया गया और सात मिनट के भीतर उनकी मौत हो गई। इतना ही नहीं, 22 मिनट के अंदर ही उनके शरीर के अंगों के टुकड़े कर दिए गए। तुर्की के अधिकारियों ने भी कहा है कि पत्रकार की हत्या के लिए सऊदी टीम अपना काम करके दो घंटे से भी कम समय में वहां से रवाना हो गई थी।
सीसीटीवी फुटेज से साफ पता चला है कि सऊदी अरब के हत्यारे एजेंटों ने भ्रम की स्थिति पैदा करने के लिए खशोगी के एक बॉडी डबल का इंतजाम किया था। हत्या के बाद उसे खशोगी के कपड़े पहना दिए गए जिससे लगे कि पत्रकार दूतावास से चले गए थे। कुछ समय तक इस हत्या को कवर-अप किया गया पर एक जूते ने पोल खोल दी। तुर्की की ओर से जारी वीडियो में खशोगी जैसे शख्स को उनकी हत्या के तुरंत बाद इंस्ताबुल की सड़कों पर घूमते देखा जा सकता है। कुछ ही देर बाद उसने खशोगी के कपड़े भी उतार दिए थे।
कपड़े, दाढ़ी, शारीरिक बनावट बिल्कुल वैसी…
खशोगी के कपडे़ जिसे पहनाए गए थे वह बिल्कुल पत्रकार की तरह दिखता है। चश्मे और दाढ़ी भी उनके जैसी ही थी। उम्र और शरीर देख कोई नहीं कह सकता कि यह खशोगी नहीं हैं, पर जूते ने अंतर को साफ कर दिया। सवाल उठने लगे कि अगर यह पत्रकार खशोगी हैं तो उन्होंने जूते क्यों बदले? अगर यह खशोगी नहीं हैं तो उनके कपड़े पहनकर दूतावास के बाहर आनेवाला यह शख्स कौन है?
नकली शख्स की हुई पहचान
नकली शख्स की पहचान मुस्तफा-अल-मदनी के तौर पर हुई है। आरोप है कि वह सऊदी की जांच टीम का हिस्सा था, जिसे खशोगी को मारने के लिए दूतावास में भेजा गया था। मदनी की उम्र 57 साल की है। पहले जब मुस्तफा दूतावास के अंदर गया था, उसकी दाढ़ी नहीं थी। वह दूसरे कपड़े पहने हुए था। उसने स्पोर्ट शू पहन रखे थे लेकिन मुस्तफा ने एक चूक कर दी। उसने खशोगी के कपड़े तो पहन लिए और दाढ़ी भी रख ली, पर उसने जूते नहीं बदले। वह जो स्पोर्ट शू पहनकर अंदर गया था, उन्हीं में वापस निकला। खशोगी फॉर्मल काले रंग के जूते पहनकर अंदर गए थे। इस फुटेज ने खशोगी मर्डर में तुर्की के जांचकतार्ओं को अहम सबूत दिए हैं।
हत्या में कुल 15 लोगों की टीम शामिल
तुर्की के राष्ट्रपति से जुड़े एक शख्स ने बताया कि जिस तेजी से पत्रकार की हत्या की गई, उससे साफ पता चलता है कि यह सोची-समझी साजिश थी। इससे पहले सऊदी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि 15 लोगों की टीम खशोगी से आमने-सामने पूछताछ के लिए भेजी गई थी। 2 अक्टूबर को इन्हीं लोगों ने खशोगी से सवाल-जवाब शुरू किए और फिर उन्हें किडनैप करने और जान से मारने की धमकी दी। पत्रकार के विरोध जताने के बाद उनकी गला रेतकर हत्या कर दी गई और फिर उन्हीं 15 लोगों में से एक खशोगी के कपड़े पहनकर दूतावास से बाहर निकल गया।