नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह किसी व्यक्ति को फोन करें और वह न उठाए ऐसा हो नहीं सकता। खासतौर पर अगर वह शख्स राजनेता और भाजपा का ही सदस्य हो तो इस बात की कल्पना भी नहीं की जा सकती। लेकिन ऐसा हुआ और वह भी एक-दो बार नहीं बल्कि पूरे पंद्रह बार ऐसा हुआ। ये वही 15 मिस कॉल हैं जिन्होंने एक भाजपा नेता को एक राज्य का उपमुख्यमंत्री बना दिया।
Kabinder Gupta was the Deputy CM, but Amit Shah’s phone was not raised yet
दरअसल यह कहानी जम्मू कश्मीर के नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता की है। उनके राजनीतिक जीवन में आए बदलाव में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की 15 मिस्ड कॉल की अहम भूमिका है। अमित शाह कविंद्र गुप्ता को लगातार फोन कर रहे थे। वह भी यह बताने के लिए कि आपको उपमुख्यमंत्री बनाया जा रहा है। लेकिन वे कविंद्र हैं कि फोन उठा ही नहीं रहे थे।
फोन न उठाने की ये थी वजह
अमित शाह लगातार फोन कर रहे थे और कविंद्र गुप्ता फोन उठा ही नहीं पाए। इसके पीछे बड़ा कारण यह था कि उस वक्त उनका मोबाइल फोन चार्जिंग पर था ऐसे में वे अमित शाह का फोन उठा नहीं पाए। शुक्रवार को जम्मू के केएल सहगल हॉल में अपना यह अनुभव सुनाते हुए कविंद्र गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के पंद्रह मिस्ड कॉल देखने के बाद वह घबरा गए। ऐसे में उन्होंने जब कॉल लगाई तो किसी ने पूछा कि आप फोन क्यों नहीं उठा रहे हो, लो राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात करो।
कविंद्र को तो यकीन ही नहीं हुआ
कविंद्र ने बताया कि अमित शाह ने उन्हें सूचना दी कि आपको उपमुख्यमंत्री की अहम जिम्मेदारी दी जा रही है, यह कहकर उन्होंने फोन काट दिया। कविंद्र ने बताया कि उन्हें यकीन नहीं हुआ। फोन पर पहले किसने बात की थी, यह जानने के लिए फिर फोन किया तो जवाब आया कि मैं अमित शाह बोल रहा हूं। अपना यह अनुभव बताते हुए उन्होंने बताया राजनीतिक करियर में उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ काम किया है। उन्होंने कहा, ‘2008 में मैं जम्मू पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की सीट के लिए सबसे प्रबल दावेदार था। जब मुझे सीट नहीं मिली तो मैंने इसे पार्टी का फैसला मानकर कबूल कर लिया था।’
अखंड भारत का कविंद्र फॉमूर्ला
उप-मुख्यमंत्री कविंद्र कहते हैं कि जब दोनों जर्मनी एकजुट हो सकते हैं, उत्तरी, दक्षिणी कोरिया में बातचीत शुरू हो सकती है तो भारत व पाकिस्तान के मिलकर अखंड भारत क्यों नहीं बन सकते। उपमुख्यमंत्री ने यह संकेत शुक्रवार को जम्मू में दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा दिन जरूर आएगा, जब अखंड भारत का निर्माण होगा। सीमा पर स्थायी शांति को समय की मांग करार देते हुए दोनों देशों के बीच स्थायी संघर्ष विराम होना चाहिए। इससे शांति कायम होगी।