थोड़ी देर में राज्यपाल से मिलेंगे कमलनाथ, राज्यसभा के लिए नामांकन भरने जाएंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया

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TIO भोपाल

मध्य प्रदेश में सियासी घमासान शुक्रवार को भी तेज रहने की आसार हैं। राज्यपाल लालजी टंडन गुरुवार देर रात लखनऊ से भोपाल आ गए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ का उनसे मिलने का कार्यक्रम है। वहीं, भाजपा की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया व सुमेर सिंह सोलंकी और कांग्रेस के दूसरे प्रत्याशी फूल सिंह बरैया शुक्रवार को नामांकन दाखिल करेंगे। शुक्रवार को राज्यसभा के लिए नामांकन का आखिरी दिन है। 26 मार्च को इसके लिए वोटिंग होगी।

कांग्रेस ने भाजपा का जवाब देने की तैयारी कर ली है।  पहला कदम होगा, बेंगलुरू में रखे गए सिंधिया समर्थक विधायक जब तक पेश नहीं होते, तब तक कांग्रेस सदन में फ्लोर टेस्ट के लिए नहीं जाएगी। कमलनाथ शुक्रवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने के दौरान अपने मंत्रिमंडल से छह मंत्रियों को बर्खास्त किए जाने के भेजे गए पत्र को स्वीकृत करने का आग्रह करेंगे।

कमलनाथ राज्यपाल के सामने विधायकों को वापस लाने की बात रख सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका को लेकर भी कांग्रेस आश्वस्त है। इस्तीफा स्वीकार करने में समय लगता है तो वह कांग्रेस के पक्ष में होगा। इससे बहुमत में सरकार बनी रहेगी। बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष हंगामा करता है तो स्पीकर सख्त फैसले ले सकते हैं। कांग्रेस बेंगलुरु से विधायकों के आने पर उनके परिजन और क्षेत्र के लोगों को सामने रखेगी, ताकि वे सोचने पर मजबूर हो जाएं कि दोबारा चुनाव में जाते हैं तो क्या दिक्कत आ सकती है? कांग्रेस को लगता है, भाजपा सिंधिया समर्थक विधायकों को सदन से गैरहाजिर रखना चाहती है। बहरहाल, यदि सिंधिया खेमे के विधायक नहीं आते हैं और इस्तीफा मान्य नहीं होता है तो सदन की कार्रवाई चलती रहेगी।

आज छह विधायकों को राज्यपाल के सामने उपस्थित होना है 
कांग्रेस से बागी होकर बेंगलुरु गए सिंधिया समर्थक विधायकों को विधानसभा ने नोटिस जारी किए हैं। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने इन्हें हाजिर होकर इस्तीफे की सत्यता बताने को कहा है। इस्तीफे स्वेच्छा से दिए गए हैं या किसी दबाव में, व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर बताना होगा। नोटिस में 6 विधायकों को शुक्रवार को और सात को शनिवार को बुलाया गया है। शुक्रवार को बचे हुए विधायकों को भी नोटिस भेजे जाएंगे। यदि वे उपस्थित नहीं होते हैं तो इस्तीफा मान्य नहीं होगा। शुक्रवार को उन छह सिंधिया समर्थक मंत्रियों को भी बुलाया गया है, जो बेंगलुरू में विधायकों के साथ हैं। इस्तीफा देने वाले विधायकों के घरों पर ये नोटिस भेजे गए हैं।

जीतू पटवारी और लाखन सिंह अभी भी बेंगलुरु में

बेंगलुरु के जिस रिसॉर्ट के बाहर गुरुवार दोपहर मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ एक नाटकीय घटनाक्रम का वीडियो सामने आया। इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। जीतू पटवारी और लाखन सिंह अभी भी बेंगलुरु में हैं। बताया जा रहा है कि आज कांग्रेस सांसद विधायकों को बंधक बनाए जाने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।