कांग्रेस के सभी मंत्रियों का इस्तीफा, निर्दलीय विधायक ने भी वापस लिया समर्थन

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खास बातें

  • बागी 14 में से 10 बागी विधायक मुंबई में एक होटल में ठहरे हुए हैं।
  • कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे गठबंधन सरकार में नए मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
  • येदियुरप्पा ने कहा, हम संन्यासी नहीं कि सरकार बनाने की संभावना से इनकार कर देंगे।

बेंगलुरु

कर्नाटक में राजनीतिक उठापटक के बीच सोमवार को कांग्रेस के 21 मंत्रियों ने कुमारस्वामी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने इसकी पुष्टि की। कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि सरकार बचाने और भाजपा को रोकने के लिए हमारे विधायकों ने मंत्री पद छोड़े हैं। इससे पहले निर्दलीय विधायक एच नागेश ने भी मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए समर्थन वापस ले लिया। उन्होंने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि अगर भाजपा सरकार बनती है तो मैं उनके साथ रहूंगा।

दूसरी ओर, मंत्री जमीर अहमद खान ने कहा, ‘जितने भी विधायक भाजपा कैम्प में गए, उनमें से 6-7 आज शाम तक वापस लौट आएंगे।’ इससे पहले कांग्रेस और जेडीएस के 12 विधायक अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं।

कर्नाटक के राजनीतिक संकट में हमारा हाथ नहीं: राजनाथ 

कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने कहा कि भाजपा नहीं चाहती है कि कोई विपक्षी पार्टी किसी राज्य या केंद्र की सत्ता में रहे हैं। वह लोकतंत्र को खत्म कर रही। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कर्नाटक के हालात के लिए भाजपा को जिम्मेदार बताते हुए लोकसभा में मुद्दा उठाया। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कर्नाटक में जो कुछ भी हो रहा है। उसमें भाजपा का कोई लेनादेना नहीं। हम संसदीय लोकतंत्र की मर्यादा को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कांग्रेस में इस्तीफा देने का चलन राहुल गांधी ने शुरू किया है, हमने नहीं। उन्होंने ही लोगों से कहा है कि इस्तीफा दें। अब तक कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता इस्तीफा दे चुके हैं।

 

बेंगलुरु क्षेत्र के 4 विधायक परमेश्वर से असंतुष्ट
कांग्रेस के चार विधायकों के इस्तीफे के पीछे उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर को कथित रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है। इस्तीफा देने वाले विधायकों में से 10 कांग्रेस और तीन जेडीएस के हैं। बेंगलुरु क्षेत्र से आने वाले चार विधायक- एसटी सोमशेखर, बी बासवराजू, एन मुनिरत्ना और रामलिंगा रेड्डी बीजेपी की मदद करने से पीछे हट सकते हैं, क्योंकि परमेश्वर से उनके निजी विरोध को सुलझाया जा सकता है। ऐसे में इस बात के आसार हैं कि इन चार विधायकों के इस्तीफे स्पीकर केआर रमेश कुमार द्वारा मंजूर करने की नौबत ही न आए। ये सभी विधायक कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया के करीबी हैं।

परमेश्वर ने कहा- आहत नहीं किया
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इन चार विधायकों को कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार की कार्यप्रणाली से कोई समस्या नहीं थी। लेकिन परमेश्वर से निजी खुन्नस की वजह से विधायकों ने ऐसा कदम उठाया। डेप्युटी सीएम परमेश्वर के पास मंत्रिमंडल में बेंगलुरु विकास का विभाग भी है। रविवार को परमेश्वर ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने रामलिंगा रेड्डी या किसी अन्य विधायक को आहत करने की कोशिश नहीं की थी। परमेश्वर ने कहा, ‘ऐसी कोई वजह नहीं है कि बेंगलुरु से आने वाले विधायक मुझसे दुश्मनी जैसी भावना रखें।’

इस बीच विधायकों के पालाबदल की कोशिश से जुड़े एक बीजेपी नेता का कहना है, ‘बेंगलुरु के बागी कांग्रेस विधायकों और बीजेपी के बीच भरोसे की कमी हो सकती है लेकिन हम उम्मीद कर रहे हैं कि परमेश्वर से उनकी निजी खुन्नस उससे ज्यादा है जितनी बताई जा रही है।’

सरकार बचाने का फॉर्म्युला!
कुमारस्वामी सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस-जेडीएस हर फॉर्म्युले पर विचार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि 4-5 बागी विधायकों को संतुष्ट करने के लिए उन्हें मंत्री पद दिया जा सकता है। कुछ मंत्रियों को इसके लिए इस्तीफा देने को कहा जा सकता है। मंत्रियों की इस लिस्ट में कृष्णा बायरेगौड़ा, प्रियांक खड़गे, यूटी खादर, बीजेड जमीर अहमद खान, और एमसी मानागुली का नाम शामिल है।

रविवार को सरकार बचाने के प्रयासों के मद्देनजर मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक कांग्रेस प्रभारी केसी वेणुगोपाल, जी परमेश्वर और एमबी पाटिल ने लगातार कई बैठकें कीं और फैसला लिया कि बागियों को मंत्री पद देकर मनाया जाए। ये नेता लगातार एच डी देवगौड़ा के संपर्क में भी रहे। सूत्रों के मुताबिक, सभी बागियों को मनाने की बजाए गठबंधन के नेता बेंगलुरु के चार विधायकों (एस टी सोमशेखर, बी बासवराजू, एन मुनिरत्ना और रामलिंगा रेड्डी) को मनाने पर ध्यान दे रहे हैं।

इसके साथ ही एक दूसरे फॉर्म्युले पर भी काम किया जा रहा है। इसके तहत गठबंधन के नेता बीजेपी विधायकों के संपर्क में हैं। ऐसी संभावना भी है कि 5-6 बीजेपी विधायक पाला बदल सकते हैं। बीजेपी ने भी सोमवार शाम 5 बजे अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। कहा जा रहा है कि पलटवार की आशंका को देखते हुए बीजेपी ने अपने 105 विधायकों के लिए 30 कमरे बुक कराए हैं।

सियासत का तूफानी संडे
जेडीएस के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने इस मुद्दे पर मल्लिकार्जुन खड़गे से बात की और कहा कि जरूरत पड़ने पर कुमारस्वामी की जगह नए नेता को सीएम बनाने के लिए वह तैयार हैं। वहीं कुमारस्वामी ने विदेश यात्रा से लौटने के बाद पार्टी नेताओं के अलावा सिद्धारमैया से भी मुलाकात की।

सिद्धारमैया के आवास पर भी नेताओं का जमावड़ा रहा। इसके अलावा केसी वेणुगोपाल और दूसरे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने एक होटल में बैठक की। जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने संकट को सुलझाने के लिए देवगौड़ा से मुलाकात की।

तो 14 विधायक भाजपा में होंगे शामिल
शनिवार शाम से ही 10 बागी विधायक मुंबई के पांच सितारा होटल में ठहरे हुए हैं। उन्होंने ऑफर को अपनाने से मना कर दिया। उनका कहना है कि बाकी के बचे हुए विधायक भी सोमवार को उनके साथ आ जाएंगे और वह अपने फैसले को वापस लेने वाले नहीं हैं। एक बागी विधायक प्रताप गौड़ा पाटिल ने कहा, ‘भविष्य स्पष्ट है। सभी 14 विधायक भाजपा में शामिल होंगे।’ अब गेंद विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश के पाले में है। उन्हें मंगलवार को इन इस्तीफों पर फैसला लेना है। वहीं कांग्रेस कानूनी रास्ता अपनाने के बारे में विचार कर रही है। सिद्धारमैया ने मंगलवार रात साढ़े नौ बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है। जिसमें वह बागी सहित सभी विधायकों को व्हिप जारी करेंगे। इसका मकसद बागियों को कानूनी रूप से रोकना है।