जंबूरी मैदान में डटा करणी सेना परिवार: रात में मंच पर 50 लोग ही सोए, सुबह से भीड़ फिर बढ़ना शुरू

0
89

TIO BHOPAL

आर्थिक आधार पर आरक्षण, बिना जांच एट्रोसिटी एक्ट में गिरफ्तारी रोकने समेत 21 मांगों को लेकर भोपाल के जंबूरी मैदान पर करणी सेना परिवार का महा आंदोलन आज दूसरे दिन भी जारी है। आयोजकों का दावा है कि आंदोलन के पहले दिन रविवार दोपहर ढाई लाख लोग जुटे। रात में मंच पर 50 लोग ही सोए।

मंच के सामने बैठकर आंदोलनकारियों को समर्थन कर रहीं 20 से ज्यादा महिलाओं ने भी रात 2 बजे जंबूरी मैदान छोड़ दिया। महिलाएं प्राइवेट गाड़ियों से अस्थाई रूप से मैदान छोड़कर चली गईं। हालांकि, मैदान में डेढ़ सौ से ज्यादा कार, मैजिक, ट्रक और दूसरे वाहन खड़े हैं। आज सुबह भीड़ फिर बढ़ना शुरू हो गई है। सुबह 8 बजे तक 200 से 250 लोग मैदान पर आ गए।

करणी सेना परिवार के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर समेत 5 कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी होने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह आंदोलन दिल्ली के किसान आंदोलन की तरह होगा।

विधानसभा घेराव टाला

करणी सेना परिवार ने मांगें नहीं मानने पर विधानसभा घेराव की चेतावनी दी थी। बाद में प्रशासन के अधिकारियों ने उनसे बातचीत का समय मांगा। इसके बाद प्रस्तावित विधानसभा घेराव टाल दिया गया है। विधानसभा घेराव की चेतावनी के बाद वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आंदोलनकारी अपने साथ कंबल और गद्दे साथ लेकर आए। जीवन सिंह ने मंच से कहा कि जिसे जाना हो वो खुशी से जा सकता है, लेकिन कहीं भी तोड़फोड़ और उद्दंडता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने किसी भी तरह की हिंसा नहीं करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आंदोलन लगातार जारी रहेगा।

आंदोलनकरारी अगले 5 से 10 दिन की जरूरत का राशन पानी लेकर भोपाल आए हैं। आंदोलनकारियों ने दावा करते हुए कहा कि यह आंदोलन दिल्ली के किसान आंदोलन के जैसा रहेगा। हम यहां से खाली हाथ जाने वाले नहीं है। हेमंत राजपूत अपने 15 साथियों के साथ हरदा के खिरकिया से आए हैं। वह बताते हैं कि 8 दिन का राशन साथ लेकर आए हैं। आंदोलन लंबा चलेगा। केवल हरदा से 500 से 700 लोग अलग – अलग गाड़ियां लेकर आएं हैं। हम मैदान से तभी वापस लौटेंगे, जब सरकार हमारी मांगे पूरी किए जाने की आदेश जारी कर देगी। इस दौरान हेमंत पूड़ी तलते रहे और उनके साथी पूड़ी बेलने और लोई बनाने में जुटे रहे। नजदीक ही बिछाए गए फर्श पर ग्रुप के लोग पंगत में बैठकर खाना खाते रहे।

आंदोलन में मंदसौर से कुंदन सिंह सोलंकी ट्रक से आए हैं। वह अपने ट्रक में 40 आंदोलनकारियों को साथ लाए हैं। उन्होंने बताया कि ट्रक में रजाई, गद्दों के अलावा खाने के लिए 15 दिन की जरूरत का राशन भी लाए हैं। मंदसौर के कटलार गांव से आए राजेंद्र सिंह 40 साथियों के साथ आंदोलन में शामिल होने भोपाल आए हैं। साथ में 3 दिन का राशन लेकर आया हूं। संगठन की दूसरी टीम अगले 8 दिन के राशन की व्यवस्था कर रही है। हमने आंदोलन को लंबा चलाने के लिए ग्रुप को अलग-अलग टीम में बांटा हुआ है। हमारी टीम, आंदोलन में शामिल हो रही है। दूसरी टीम राशन की व्यवस्था कर रही है।

वह कहते हैं कि अभी यह आंदोलन की शुरूआत है। अगर मांगे नहीं मानी गई, तो किसान और स्टूडेंट भी इस आंदोलन में जुडेंगे। यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स से हम लोग लगातार बात कर रहे हैं। हम जंबूरी मैदान खाली नहीं करने वाले। जब तक मांग पूरी नहीं होगी। हम शांति से मैदान में बैठेंगे। सरकार , मैदान खाली कराने के लिए अगर मारना चाहती है, तो मारे।