केन्द्र सरकार के खिलाफ आर-पार के मूड में ममता, कहा- जान दे दूंगी पर पीछे नहीं हटूंगी

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धरने को शुरू हुए 24 घंटे पूरे होने वाले हैं पर वह केंद्र सरकार के खिलाफ आर-पार के मूड में दिखाई दे रही हैं। एक तरफ विपक्षी दलों के नेताओं ने उनके समर्थन में एकजुटता दिखाने की कोशिश की है तो वहीं बीजेपी ने षड्यंत्र का आरोप लगाया है। बीजेपी ने सवाल किया है कि आखिर ऐसी कौन सी बात है कि ममता बनर्जी अपने नेताओं की गिरफ्तारी पर चुप रहीं पर अब एक पुलिस कमिश्नर को बचाने के लिए धरने पर बैठ गई हैं। सोमवार शाम में पश्चिम बंगाल की सीएम ने सख्त तेवर दिखाते हुए ऐलान कर दिया कि वह पीछे हटने वाली नहीं हैं।
kendr sarakaar ke khilaaph aar-paar ke mood mein mamata, kaha- jaan de doongee par peechhe nahin hatoongee
उन्होंने साफ कहा, ‘मैं अपना जीवन देने के लिए तैयार हूं पर पीछे नहीं हटूंगी।’ बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए ममता ने कहा, ‘जब टीएमसी के नेताओं को पकड़ा गया तो मैं सड़कों पर नहीं उतरीं लेकिन अब मुझे गुस्सा इस बात का है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर के पद का अपमान करने की कोशिश की गई है, जो एक संस्था को लीड कर रहे हैं।’ आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरना स्थल से ही सरकार का कामकाज भी देख रही हैं। सोमवार को धरना स्थल पर ही वह कोलकाता पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस के एक कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस दौरान कई अधिकारियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार भी मौजूद थे, जिनके घर पर रविवार शाम को सीबीआई की टीम पहुंची थी।

दिल्ली में विपक्षी नेताओं की बैठक
पिछले 24 घंटे से देश का सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। विपक्षी दलों के नेताओं ने दिल्ली में बैठक की है। इसमें तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन भी मौजूद थे। बैठक की तस्वीरें भी सामने आईं हैं, जिसमें कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल और आनंद शर्मा, एनसीपी चीफ शरद पवार, बीएसपी से सतीश चंद्र मिश्रा, सीपीआई के नेता डी. राजा समेत कई सीनियर लीडर्स दिखाई दे रहे हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान कोलकाता में जारी ममता के धरने पर चर्चा हुई और केंद्र के खिलाफ रणनीति तैयार हुई।

धरने पर ममता, फोन से किसानों को संबोधन
धरना स्थल से ही ममता बनर्जी ने सोमवार को फोन पर किसानों की एक सभा को भी संबोधित किया। इस दौरान किसान धरना स्थल से करीब एक किमी दूर नेताजी इनडोर स्टेडियम में मौजूद थे। अपने संबोधन में बनर्जी ने सिंगूर आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं इसी जगह 2006 में 26 दिनों तक उपवास पर बैठी थी। मेरी मांग थी कि किसानों की जमीन उन्हें वापस दी जाए और हमारे मूवमेंट का असर यह हुआ कि पूरे देश में किसानों को उनकी जमीन का अधिकार मिला।’