उम्मीदों से ही तो रोशन है, इस जहा के सितारे………………..

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उम्मीदों से ही तो रोशन है
इस जहा के सितारे
आशा के लौ को जला
जीत लो जग सारे
हारना नहीं थकना नहीं
आज नहीं तो कल होगा
उम्मीदों की कश्ती से
जीवन की नाव चलाना है
उठते थपेड़ों को हौसलों से हराना है
नया सूरज उगाना है
सब के चेहरे पे मुस्कान होए
भूख गरीबी से अनजान हो
आडंबर का न स्थान हो
बेटियों का सम्मान हो
इंसानियत ही धर्म ईमान हो
ऐसा एक जहा बनाना है
उम्मीद की लौ जलाना है
मणिका वर्मा
दिल्ली