फाइव स्टार आदत के आदि हो गए नेता

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TIO BHOPAL

भाजपा इन दिनों कांग्रेस के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों पर हमलावर है। एक ओर मध्य प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच संबंध कैसे हैं, इसको लेकर समय समय पर सुर्खियां बनती रही हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस में दो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच संबंध इन दिनों बहुत अच्छे नहीं दिखाई दे रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बारे में भाजपा के कुछ नेता यह दावा कर रहे है दोनों के बीच सियासी रिश्तों में बेहद कड़वाहट है। इस कमलनाथ कह रहे थे कि सीएम से मिलने की बात आपने मुझे नहीं बताई। इसके जवाब में दिग्विजय सिंह ने कहा कि सीएम से मिलने के लिए आपके थ्रू जाना पड़ेगा क्या। जिस पर नाथ ने ‘इट्स टू’ कहा।


इधर अजय सिंह ने भी अपना दर्द बयां किया है। ज्ञात हो कि नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह 2018 का विधानसभा चुनाव अपनी परंपरागत सीट चुरहट से हार गए थे। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। पिछले कुछ समय से अजय सिंह एक्टिव नजर नहीं आ रहे थे, लेकिन हाल ही में रैगांव विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत में अजय सिंह की अहम भूमिका रही थी, जिसके बाद वह एक बार फिर से एक्टिव नजर आ रहे है। दरअसल, मध्य प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने ”घर वापसी अभियान” चलाया है। जब उनसे उनके इस अभियान को लेकर सवाल किया गया तो अजय सिंह ने कहा कि ”इस अभियान का हमें शुरूआत में अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है, लोग कांग्रेस से फिर से जुड़ रहे हैं, ऐसे में मेरी कोशिश है कि यह अभियान आगे भी सतत जारी रहे, क्योंकि हम इस अभियान के तहत हम ऐसे लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं जो किसी कारणवश कांग्रेस पार्टी से अलग हुए थे। ऐसे लोग फिर से कांग्रेस में वापसी करके पार्टी को मजबूत बनाएंगे।” वहीं अजय सिंह के इस अभियान पर कांग्रेस में ही रार देखने को मिलने लगी है।

पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने उनके इस अभियान पर बड़ा बयान दिया। अजय सिंह के घर वापसी अभियान पर उन्होंने कहा कि ”भाजपा खरीद फरोख्त कर अपना कुनबा बढ़ा रही है, घर वापसी करने वाले नेताओं के लिए दरवाजे खुले हैं, लेकिन कांग्रेस को केवल ऐसे नेताओं से परहेज नहीं है जो बिके नहीं है। कांग्रेस को दलबदल के बावजूद डेमेज न करने वाले नेता तो वापस आ सकते हैं, लेकिन कांग्रेस बिकाऊ विधायकों को वापस नहीं लेगी। सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि प्रदेश में 1 फरवरी से कांग्रेस का घर चलो घर-घर चलो अभियान बड़े पैमाने पर चलेगा, इस अभियान में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ समेत बड़े नेता शामिल होंगे, अभियान के दौरान कांग्रेस विचारधारा का साहित्य घर-घर पहुंचाने का काम कार्यकर्ता करेंगे साथ ही बाल कांग्रेस के लिए प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा। बता दें कि कांग्रेस 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है। इसलिए पार्टी के सभी नेता पहले से ही एक्टिव हो गए हैं। पिछले चुनाव में विंध्य अंचल में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में विंध्य में कांग्रेस के स्थापित नेता अजय सिंह अब विंध्य में एक बार फिर से पार्टी को मजबूत करने में जुट गए हैं। फोन पर एक बातचीत में अजय सिंह ने बताया कि मैं अपने क्षेत्र में तो इस पर काम कर रहा हूं उम्मीद करता हूं बाकी भी अपने-अपने क्षेत्र में इस तरह का कार्य करेंगे जिससे कांग्रेस पार्टी मजबूत होगी। बात करने में अजय सिंह से महसूस हो रहा था कि उन्हें अपने इस काम पर काफी भरोसा है। जबकि अजय सिंह एक संघर्षशील नेता है और साथ ही साथ में जमीनी हकीकत से वाकिफ है।

लंबे समय तक अपने पिता अर्जुन सिंह की राजनीति देखी है पर पार्टी में उनका विरोध बराबर चलता रहा। पिछले दिनों जब वो नरोत्तम मिश्रा से मिले तो बड़ी चर्चा थी भाजपा में शामिल होने की जबकि यह मुलाकात व्यक्तिगत कार्यों के लिए की गई थी कांग्रेस के लिए मुश्किल यह है कि अपने साथियों पर खुद ही इल्जाम लगाकर खुद ही कांग्रेस को नीचे गिराते है। जिस तरह से कमलनाथ दिग्विजय सिंह की लाइन छोटी करके अपनी लाइन को बड़ा करना चाह रहे है उससे कांग्रेस को भारी नुकसान हो रहा है और आमजनता के दिलों में यहीं बात जा रही है कि कांग्रेस के अंदर फूट है, जब आपस में ही न बन रही तो लोगों के क्या कार्य करेंगे। कमलनाथ की मुश्किल यह है कि कांग्रेस में रहकर जननेता नहीं बन सके। कॉपोर्रेट स्टाइल में ही अपना कार्य करते है। जिसे कम लोग ही पसंद करते है। कांग्रेस की परंपरा रही है कि कांग्रेस का नेता हमेशा जमीन से जुड़ा रहे पर आजकल कांग्रेस के नेता भी भाजपा की तरह ही फाइव स्टार के आदि हो गए है। सारे फैसले बंद कमरो में बैठकर कर लेते है, जिसका नुकसान हमेशा पार्टियों को भुगतना पड़ता है।