चक्रवाती तूफान के मंडियों में गेहूं की आवक हुई कम, खरीदी भी हुई कमजोर

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नई दिल्ली। पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती तूफान से चालू रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की खरीद बुरी तरह प्रभावित हुई है। गेहूं उत्पादक मंडियों में आवक घटने से सरकारी खरीद थम गई है। बारिश व ओलावृष्टि से मंडियों में खुले में रखा गेहूं भीग गया है। इसी के चलते मौसम में सुधार होने तक गेहूं की खरीद धीमी रहने के आसार हैं। खाद्य मंत्रालय के अफसरों के मुताबिक मौसम के ठीक होते ही खरीद में तेजी आ पाएगी।
Less of the arrival of wheat in the cyclonic storm mandis, the purchase was also weak
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी गेहूं खरीद के आंकड़ों में गिरावट का ट्रेंड है। आंधी व तूफान के बाद से मंडियों में गेहूं की आवक घट गई है। एक मई को जहां गेहूं की कुल आवक 15.63 लाख टन थी, वहीं सरकारी खरीद 15.02 लाख टन हुई थी। लेकिन मौसम के मिजाज बिगड़ते ही विभिन्न मंडियों में आवक घटने लगी। गिरावट का रुख अभी भी जारी है। दो मई को कुल 6.45 लाख टन आवक रह गई तो सरकारी खरीद 6.20 लाख टन हुई।

इसी तरह तीन मई को यह आवक घटकर 5.5 लाख टन रह गई। जबकि खरीद 5.29 लाख टन हुई। मंडियों से आने वाली सूचनाएं अच्छी नहीं रहीं, जिसके मद्देनजर आंकड़े जारी नहीं किए गए। माना जा रहा है कि सरकारी खरीद में यह गिरावट बहुत कम समय के लिए है। भारतीय खाद्य निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक उत्तरी राज्यों की मंडियों में बेमौसमी बारिश का असर होने से स्थानीय स्तर पर खरीद थोड़े समय के लिए रोकी गई है। मौसम में सुधार होते ही गेहूं की खरीद फिर चालू हो जाएगी। गेहूं की खरीद वैसे भी 285 लाख टन के आसपास पहुंच गई है, जो पिछले साल की कुल खरीद के करीब है।

चालू रबी सीजन 2018-19 में गेहूं की कुल 320 लाख टन खरीद करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। चालू खरीद की रफ्तार पिछले साल के मुकाबले कहीं अधिक है, जिससे लक्ष्य के छू लेने का भरोसा है। फिलहाल हुई खरीद में पंजाब सबसे ऊपर है, जहां 118 लाख टन खरीद हो चुकी है। हरियाणा में 81.65 लाख टन, यूपी में 23.58 लाख टन, मध्य प्रदेश में 59 लाख टन और 12.34 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है।