कानपुर। लालकृष्ण आडवाणी को गांधीनगर से टिकट न मिलने के बाद सियासी समीक्षकों की नजर अब कानपुर के सांसद मुरली मनोहर जोशी पर है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की लोकल यूनिट मानकर चल रही है कि जोशी को टिकट नहीं मिलेगा, लेकिन जोशी अपनी दावेदारी नहीं छोड़ रहे हैं। सोमवार को वह कानपुर पहुंच रहे हैं। अगले दिन जोशी गंगा मेले में शामिल होंगे।
पार्टी के एक नेता के अनुसार, जोशी ने 2014 के चुनाव में गंगा मेले में शिरकत की थी। इसके बाद वह इस मौके पर कानपुर नहीं आए। बदले हालात में बीजेपी के दिग्गज बुजुर्ग नेता फिर से चुनाव लड़ने के लिए पूरा दम लगा रहे हैं। सोमवार को वह लखनऊ के रास्ते कानपुर पहुंच रहे हैं। सबसे पहले वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यालय में होली मिलन कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद वह कई और जगह जाएंगे।
लोकसभा चुनाव का पूरा शेड्यूल
मतलब साफ है कि टिकट कटने न पाए इसके लिए जोशी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। संघ में उनकी गहरी पकड़ एक अतिरिक्त खासियत है। कई वरिष्ठ स्वयंसेवक आज भी जोशी के आगे कुछ बोलने की हिम्मत नहीं करते, लेकिन बदले हालात में लोकल यूनिट मानकर चल रही है कि किसी बाहरी या अनजान नाम को चुनाव लड़ाना पड़ सकता है।
ये भी हो रहीं चचार्एं
बीजेपी की टक्कर कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल जैसे स्थानीय नेता से होगी।
जोशी से नाराजगी, बाहरी का ठप्पा बीजेपी को मुश्किलों में डाल सकता है।
स्थानीय कार्यकतार्ओं की उपेक्षा पार्टी को भारी पड़ सकती है।
जोशी की गैर-मौजूदगी में बाहरी का कद ही तय करेगा कि पार्टी का चुनाव कहां जाएगा।