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मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा आयोग आपके द्वार कार्यक्रम के तहत मानव अधिकार के उल्लंघन से संबंधित मामलों की जिलास्तर पर सीधी जनसुनवाई की जाती है। इसी श्रृंखला में आयोग द्वारा 28 जुलाई (गुरूवार) को जिला कलेक्टर कार्यालय, पन्ना के सभागृह में सुबह 11 बजे से केवल मप्र मानव अधिकार आयोग में पहले से लम्बित मामलों की ही जनसुनवाई की जायेगी। इस जनसुनवाई में स्वयं आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन, आयोग में पन्ना जिले के मामलों के प्रस्तुतकर्ता अधिकारी सहित आयोग के अन्य अधिकारी, कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे।
थाने में षिकायत/रिपोर्ट पर संज्ञेय या असंज्ञेय मामला आने पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 या 155 के अनुसार हो कार्यवाही
थानास्तर पर किसी रिपोर्टकर्ता की षिकायत/रिपोर्ट पर संज्ञेय मामला पाया जाता है या असंज्ञेय मामला पाया जाता है, तो उसपर विधि के प्रावधानों के अनुसार दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 या 155, जैसी भी परिस्थिति हो, तद्नुसार कार्यवाही की जाये। मप्र मानव अधिकार आयोग में एक मामले में राज्य शासन को यह अनुषंसा की है। अपनी अनुषंसा में आयोग ने यह भी कहा है कि थानास्तर पर आई रिपोर्टों पर कार्यवाही/पर्यवेक्षण वरिष्ठ पर्यवेक्षक अधिकारियों द्वारा सुनिष्चित किया जाये। अनाधिकृत रूप से षिकायत जांच या रोजनामचा सान्हा जांच की कार्यवाहियों पर अंकुष लगाया जाये। यदि पुलिस को प्राप्त सूचना पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की आवष्यकता पाई जाती है, तो उस पर त्वरित कार्यवाही सुनिष्चित की जाये। मामला छतरपुर जिले का है। आयोग के प्रकरण क्र. 5400/छतरपुर/2020 के संदर्भ में आयोग ने यह अनुषंसा की है। मामले के अनुसार आवेदिका श्रीमती शांतिबाई ने आरोपियों द्वारा उसकी भूमि पर रखे पेड़ ट्रेक्टर में भरकर ले जाने, मना करने पर उसे जातिसूचक गालियां देने, बुरी तरह मारपीट करने तथा रिपोर्ट दर्ज करने के लिये थाने जाने पर पुलिस द्वारा रूपयों का लेनदेन करने, तथापि पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने की षिकायत अपने आवेदन में आयोग से की थी। मामला आयोग में 18 सितम्बर 2020 को पंजीबद्ध हुआ था। तब से आयोग ने मामले की लगातार सुनवाई कर मुख्य सचिव, मप्र शासन को यह अनुषंसा की है।