मध्य प्रदेश : बारिश-बाढ़ का कहर, भिंड में बाढ़ का कहर जारी, मेहदा घाट पर पुल के ऊपर से बहा पानी, भाराैली गांव में फंसे लाेगाें काे किया जाएगा एयरलिफ्ट

0
305

TIO BHOPAL

मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई इलाके भारी बारिश और बाढ़ से बेहाल हैं। MP में ग्वालियर-चंबल अंचल के 1225 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। करीब दो हजार लोगों को बचाने की कोशिश में सेना और NDRF-SDRF की टीमें जुटी हुई हैं। उधर राजस्थान में भी मानसून अब कहर बनकर टूट पड़ा है। कोटा, बूंदी और धौलपुर में बाढ़ के हालात हैं। कोटा में हुई 8 इंच बारिश ने 43 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। उधर UP के भी 9 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं।

मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलाई
राज्य के ग्वालियर-चंबल अंचल के शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, भिंड, मुरैना और ग्वालियर बाढ़ से बेहाल हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित 90 गांव शिवपुरी के हैं। रोजी-रोटी की तलाश में अब हजारों लोगों का पलायन भी शुरू होग गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने गुरुवार को होने वाली तमाम बैठकें और कार्यक्रम रद्द कर आज कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है। इसमें बाढ़ पर चर्चा के साथ पहले अनुपूरक बजट को मंजूरी मिल सकती है।

आज श्योपुर और शिवपुरी में ऑरेंज, गुना में रेड अलर्ट
अगले 24 घंटे के दौरान गुना को छोड़कर ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश का अनुमान मौसम केंद्र भोपाल ने जारी किया है। श्योपुर और शिवपुरी में ऑरेंज और गुना में रेड अलर्ट जारी किया गया है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि मानसून ट्रफ लाइन दक्षिण उत्तर प्रदेश से होकर गुजर रही है। जिसकी वजह से बारिश हो रही है।

पुल-पुलिया बहने से करीब 400 करोड़ का नुकसान
बाढ़ से 2 दिन में ग्वालियर-चंबल अंचल के 6 बड़े पुल और दो दर्जन से ज्यादा पुलिया बह गई हैं। सबसे ज्यादा तीन पुल दतिया जिले के सेंवढ़ा में बहे हैं। इसके अलावा ग्वालियर-दतिया के बीच फोरलेन पर बने दो हिस्सों में से एक नए पुल में क्रेक आ गया है। शिवपुरी, श्योपुर, भिंड और दतिया में एक-एक पुल बहा है। इसके अलावा ग्वालियर- शिवपुरी और शिवपुरी-श्योपुर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं। एक पुल की वर्तमान लागत लगभग पचास करोड़ रुपए है। इस तरह करीब ढाई सौ से तीन सौ करोड़ के पुल और करीब सौ करोड़ की पुलिया बह गई हैं।

उत्तर प्रदेश: 9 जिलों में बाढ़ जैसे हालात
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा आगरा, कानपुर, वाराणसी, जालौन, ललितपुर, मिर्जापुर और अमरोहा में स्थिति खराब है। आगरा में चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर पहुंच गया है। इससे 50 से ज्यादा गांव डूब गए हैं। यमुना का जलस्तर भी बढ़ गया है। कानपुर में पांडु नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इससे आस-पास के 150 से ज्यादा घरों में पानी भर गया है। वाराणसी में गंगा में पानी बढ़ने से कई घाट डूब गए हैं।

भिंड के भाराैली इलाके में फंसे लाेगाें काे प्रशासन अब एयरलिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है। क्षेत्रीय विधायक, कलेक्टर एसपी माैके पर पहुंच चुके हैं। उधर राज्यमंत्री ओपीएस भदाैरिया जब बाढ़ पीड़ित इलाकाें में पहुंचे ताे लाेगाें ने उनकाे जमकर खरी खाेटी सुनाई। वहीं भिंड में सिंध नदी का जलस्तर बढ़ना जारी है। जिससे आमजन की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। गांवाें में पानी भर चुका है। एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ सहित पुलिस प्रशासन लाेगाें काे सुरक्षित निकालने के प्रयास में जुटे हुए हैं। उधर मेहदा घाट पर सिंध नदी का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है। इसके अलावा जिले में कई स्थानाें पर इसी प्रकार की स्थिति है। इसके चलते पुल के ऊपर से वाहनाें का आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। नदी के बढ़ते जल स्तर से पुलाें के ढहने का खतरा भी बढ़ गया है।