माखनलाल यूनिवर्सिटी मामला: नौकरी छोड़े बिना दूसरी जगह नौकरी करने वालों के खिलाफ हो सकती है एफआईआर

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भोपाल। माखनलाल यूनिवर्सिटी मामले में अब और भी लोगों पर एफआईआर दर्ज हो सकती है। ये एफआईआर नौकरी छोड़े बिना दूसरी जगह नौकरी करने वालों के खिलाफ होगी। बिना योग्यता के एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति और अध्ययन कार्य में छूट दिए जाने को लेकर संघ विचारक राकेश सिन्हा पर भी शिकंजा कसा गया है। जो जांच के बाद निर्दोष साबित होंगे। उनके नाम भी एफआईआर से हटाए जाएंगे।
दरअसल, माखनलाल यूनिवर्सिटी में हुई फर्जी नियुक्ति और आर्थिक अनियमितता के मामले में जांच का दायरा बढ़ गया है। ईओडब्ल्यू अब उन लोगों के खिलाफ एफआईआर की तैयार कर रही है, जो यूनिवर्सिटी की नौकरी छोड़े बिना दूसरी नौकरी कर रहे हैं।
इन लोगों पर होगी एफआईआर?
-2003 में बनाये गए नियमों के तहत नौकरी छोड़े बिना दूसरे जगह पर तय समय तक नौकरी करने का प्रावधान था। लेकिन ये नियम 2006 में समाप्त हो गए। इसके बावजूद यूनिवर्सिटी में नौकरी करने वाले 6 से ज्यादा लोग नौकरी छोड़े बिना आज भी दूसरे स्थानों पर नौकरी कर रहे हैं।

-राजनीति शास्त्र के शिक्षक होने के बावजूद संघ विचारक राकेश सिन्हा को नियम विरूद्ध एसोसिएट प्रोफेसर बनाकर पत्रकारिता की जिम्मेदारी सौंप कर अध्यापन कार्य में छुट्टी दी गई। यूनिवर्सिटी में राजनीति शास्त्र के लिए कोई भी प्रोफेसर का पद नहीं है।
बेकसूरों को आरोपी नहीं बनाया जाएगा
ईओडब्ल्यू डीजी केएन तिवारी ने यह भी कहा कि आरोप प्रमाणित होने पर ही एफआईआर में दर्ज लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश होगी। बेकसूरों को आरोपी नहीं बनाया जाएगा। विभाग स्तर पर आरोप साबित होने पर संबंधित जनसंपर्क विभाग को डिपार्टमेंटल कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। शासन की जांच रिपोर्ट में लगे आरोपों का बारीकी से परीक्षण कर आगे की कार्रवाई होगी’ ‘सबूत मिलने पर ही गिरफ्तारी होगी। ईओडब्ल्यू शासन की जांच रिपोर्ट में लगे आरोपों की पुष्टि और सबूतों को जुटाने के लिए जल्द ही वर्तमान पदाधिकारियों से पूछताछ करेगी। वर्तमान कुलपति, रजिस्ट्रार समेत माखनलाल के कई अधिकारियों से पूछताछ कर मामले से जुड़े दडतावेजों को जुटाने काम कर चार्जशीट पेश होगी।